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कॉमर्स कॉलेज सेमिनार में बोले IIT प्रोफेसर, ब्रह्मांड आज भी अबूझ पहेली

पटना : ‘वर्तमान ब्रह्मांड का संक्षिप्त इतिहास’ विषय पर कालेज आफ कामर्स आर्टस एण्ड साइंस में आयोजित संगोष्ठी में आईआईटी बनारस के गणित विभाग के प्रोफेसर श्रीराम ने ब्रह्मांड को लेकर प्रचीन काल से चल रहे शोधों का जिक्र किया। कालेज के गणित विभाग व बिहार मैथेमेटिकल सोसायटी के तत्वावधान में आयोजित इस संगोष्ठी में ब्रह्मांड से संबंधित अचंभित करने वाले तथ्य सामने आए।

सेमिनार के मुख्य वक्ता प्रोफेसर श्रीराम ने कहा कि ब्रह्मांड के रहस्यों को सुलझाने के लिए प्लेटो से लेकर आईंस्टाइन और न्यूटन जैसे वैज्ञानिकों ने अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार सिद्धांत दिए। लेकिन, ब्रह्मांड को लेकर अब तक का कोई भी सिद्धांत या निष्कर्ष पूर्ण नहीं है। पश्चिम के प्राचीनकालीन दार्शनिकों का चिंतन तो आधुनिक युग में असत्य साबित हो गया। वहीं कुछ दार्शनिकों के सिद्धांत आज भी सत्य हैं। जैसे गैलिलियो गैलीली ने ईसाई मान्यता के विपरीत यह कहा था कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है। उनका यह सिद्धांत आज भी प्रणिक है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मांड तारों और करोड़ों तारा समूहों से बने करोड़ों गैलेक्सी का समूह है। गुरूत्वाकर्षण के कारण इसके पिंड अपने-अपने स्थान पर स्थिर हैं। बहुत से तारे ऐसे हैं जिनका प्रकाश अब तक हमारे पास पहुंच ही नहीं सका है। खरबों किलोमीटर की दूरी पर स्थित ऐसे अनेक पिंडों के रहस्य को गणित के माध्यम से समझने का प्रयास हो रहा है।

विजय कुमार ने बिहार मैथेमेटिकल सोसायटी के बारे में विस्तार से बताया। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कालेज के प्राचार्य तपन सांडिल्य ने कहा कि अब संपूर्ण विश्व के वैज्ञानिक ब्रह्मांड के रहस्य को सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं। इससे हमारी समस्याओं के समाधान के रास्ते खुलेंगे।