पटना : विज्ञान हमसे दूर नहीं, बल्कि हमारे जीवन के हर पहलु में यह घुलामिला है। जन-जन में विज्ञान को समझाने, जानने व उसका उपयोग करने की क्षमता का विकास किए बिना समस्याओं का स्थायी समाधान संभव नहीं है। पटना स्थित कालेज आफ कामर्स आर्टस एण्ड साइंस में आयोजित कार्यशाला में दिल्ली और कानपुर से आए रिसोर्स पर्सन ने लो कॉस्ट- नो कॉस्ट के कान्सेप्ट पर तैयार मॉडल के माध्यम से छात्र-छात्राओं को अपने जीवन में पग-पग पर होने वाले वैज्ञानिक क्रियाओं से साक्षत्कार कराया। अत्यंत रोचक अंदाज मेें जब अपने आसपास होने वाली घटनाओं के पीछे कार्य करने वाले वैज्ञानिक सिद्धांतों का प्रत्यक्षण व प्रदर्शन होने लगा तब सभागाार में उपस्थित छात्र-छात्राएं हतप्रभ रह गए। आमतौर पर ऐसे कार्यक्रमों में बहुत कम उपस्थिति रहती है लेकिन विज्ञान के व्यावहारिक पक्षों को सीधे दिमाग में बैठा देने वाली इस कार्यशाला में शामिल होने वाले छात्र उससे मन से जुड़े रहे। यही इस कार्यशाला की सफलता का प्रमाण था। कालेज के प्राचार्य प्रो. तपन शांडिल्य की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन के रूप में दिल्ली से आयी साइंस प्रोपेगेटर प्रज्ञा नोपानी ने विशेष तौर पर तैयार प्रयोगों को प्रदर्शित किया। प्रज्ञा नोपानी राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हैं। कानपुर के प्रो.एससी वर्मा ग्रुप द्वारा तैयार नवाचार की समझ बढ़ाने वाले 20 प्रयोग इस कार्यशाला में दिखाए गए। इन मॉडल प्रयोगों की प्रस्तुति एचसी वर्मा ग्रुप के अमित वाजपेयी द्वारा की गयी।
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