खतरे में CM सोरेन की कुर्सी, खदान लीज में चुनाव आयोग ने मांगा जवाब

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रांची/पटना : झारखंड सीएम हेमंत सोरेन की कुर्सी खतरे में आ गई है। IAS पूजा सिंघल के ठिकानों पर छापेमारी में जो दस्तावेज मिले हैं उनमें वे खदान लीज के मामले में फंसते दिख रहे हैं। चुनाव आयोग ने भी सीएम सोरेन को नोटिस भेजकर अपनी कंपनी के लिए झारखंड सरकार से खदान लीज पर लेने के लिए और उसे चुनाव शपथपत्र में घोषित न करने के लिए जवाब मांगा है। हेमंत सोरेन ने आयोग से कहा है कि अभी वे हैदराबाद में इलाजरत अपनी मां रूपी सोरेन की बीमारी को लेकर नोटिस का जवाब देने में मानसिक रूप से तैयार नहीं हैं। उन्हें एक माह का समय दिया जाए।

सीएम सोरेन की मुश्किलों का आलम ये है कि एक तरफ जांच एजेंसियां लगातार पूजा सिंघल से जुड़े मामले की जांच कर रही है, वहीं चुनाव आयोग भी उनसे जवाब मांग रहा है। पता चला है कि जल्द ही सीएम सोरेन से भी पूछताछ हो सकती है। इधर राजधानी रांची में सियासी हलकों में चुनाव आयोग से मुख्यमंत्री के बचकाने बहाने की चर्चा तेज है।

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लोग कह रहे हैं कि सीएम चुनाव आयोग को तो भरमाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे छापे में खुली खदान लीज की उन परतों से खुद को कब तक बचा पायेंगे। झारखंड के मुख्यमंत्री ने मां की बीमारी का हवाला देते हुए मानवीय आधार पर अतिरिक्त समय की मांग चुनाव आयोग से की है। रूपी सोरेन का हैदराबाद में इलाज चल रहा है और हेमंत सोरेन लगातार उनकी निगरानी और देखरेख में लगे हैं।

चुनाव आयोग ने हेमंत के अलावा उनके छोटे भाई बसंत सोरेन को भी नोटिस भेजा है। बसंत दुमका से झामुमो विधायक हैं। आयोग ने नोटिस में बसंत सोरेन से पूछा है कि खनन कंपनी में पार्टनर होने के कारण लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9 ए के तहत उनके खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए? इस संबंध में आयोग ने भाजपा प्रदेश कार्यालय और रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी को भी नोटिस भेजकर जानकारी मांगी है। उनसे 10 मई तक अपना पक्ष रखने को कहा गया है।

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