विप मनोनयन पर सीएम- कुछ करना चाहते हैं, लेकिन सब मेरे हाथ में नहीं …

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पटना : राज्यपाल कोटे से मनोनयन वाली 12 सीटों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम तो चाहते हैं कि सभी को मौका मिले। लेकिन, दूसरी तरफ से सहमति का इंतजार है। हम सब कुछ करना चाहते हैं लेकिन सब मेरे हाथ में नहीं है। लेकिन … फिर उन्होंने कुछ भी नहीं बोला। इसके बाद इनके इस बयान पर कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ने एक बार फिर से गेंद भाजपा के पाले में डाल दिया है। चर्चाओं के अनुसार भाजपा और जदयू की तरफ से 6-6 सदस्यों का मनोनयन होना है।

ज्ञातव्य हो कि दो दिवसीय दिल्ली दौरे से लौटने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि मामला लंबे समय से अटका हुआ है। हम तो चाहते हैं मनोनयन जल्द हो जाए। लेकिन, देरी हो रही है, जबकि यह काफी पहले हो जाना चाहिए था।

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12 में से 2 सीटें तय हो चुकी है। जिसमें जदयू कोटे से भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी तथा भाजपा कोटे से खान व भूतत्व मंत्री जनक चमार का नाम तय है। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी का नाम फाइनल माना जा रहा है।

इसके साथ ही भाजपा कोटे से देवेश कुमार, सुशील चौधरी प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश वर्मा, राधा मोहन शर्मा, प्रमोद चंद्रवंशी, बेबी कुमारी, निवेदिता सिंह, मुख्यालय प्रभारी सुरेश रुंगटा, मधुबनी के पूर्व जिला अध्यक्ष घनश्याम ठाकुर, प्रदेश प्रशिक्षण प्रभारी मृत्युंजय झा, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल शर्मा, राजेन्द्र गुप्ता पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा और निखिल चौधरी का नाम चल रहा है।

मुकेश सहनी और जीतन राम मांझी भी एक-एक सीट के लिए दबाव बना रहे हैं। इसको लेकर मुकेश सहनी भाजपा नेता व गृहमंत्री से भेंट कर चुके हैं और जीतन राम मांझी पहले से ही ढोल पीट रहे हैं कि नीतीश कुमार ने कहा है कि एक सीट आपको दी जाएगी।

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