पटना : मंगलवार की सुबह राजधानी पटना के निवासी जैसे ही सड़क पर निकले, अचानक वे चौंक गए। जगह—जगह सड़क किनारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लापता होने के पोस्टर लगे हुए थे। पुलिस और प्रशासन के लोग भी यह देख सकते में आ गए। यह खुलासा नहीं हो सका कि इस तरह के पोस्टर किसने और क्यों लगाए। क्या यह देश और राज्य का माहौल खराब करने की कोई साजिश तो नहीं?
विपक्ष की ओछी हरकत
वीरचंद पटेल पथ पर राजद कार्यालय के बाहर और शहर के अन्य इलाकों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लापता होने संबंधी पोस्टर लगाए गए हैं। इतना ही नहीं, इन पोस्टरों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर आपत्तिजनक भाषा का उपयोग भी किया गया है। पोस्टर में लिखा गया है कि ‘नीतीश कुमार अदृश्य मुख्यमंत्री हैं, जाे पांच साल में एक बार शपथ ग्रहण समारोह में नजर आते हैं’। जदयू ने इसे विपक्षी पार्टियों की ओछी हरकत करार दिया है।
पोस्टर में किसी पार्टी या संगठन का नाम नहीं है। आशंका है कि पोस्टरों को शरारती तत्वों ने कुत्सित मंशा से लगाया है। इधर अपने कार्यालय के बाहर सीएम के लापता होने वाले पोस्टर लगाने पर राजद ने एज्या यादव ने कहा कि हमारी पार्टी इस तरह की ओछी हरकत नहीं कर सकती। यह राजद को बदनाम करने की साजिश है। उधर जदयू ने इस पूरे मामले को विपक्ष की ओछी हरकत करार दिया है। पटना में लगे इन पोस्टरों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लापता होने की सूचना है। दूसरे पोस्टर में लिखा है कि उन्हें ढूंढने वाले का बिहार सदा आभारी रहेगा। एक अन्य पोस्टर में लिखा गया है कि नीतीश कुमार पांच साल में केवल शपथ ग्रहण समारोह में नजर आते हैं।