सीएम ने किया आर्यभट्ट ज्ञान यूनिवर्सिटी के नए भवन का उद्घाटन

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पटना : आर्यभट्ट ज्ञान यूनिवर्सिटी के नए भवन का उद्घाटन आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश  कुमार ने किया। उनके साथ उप मुख्यमंत्री सशील कुमार मोदी भी उपस्थित रहे। आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के नए भवन का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय कोई सामान्य विश्वविद्यालय नहीं है। अपने नाम के अनुरूप इसको बनाना है। उन्होंने कहा कि इसको ऐसा बनाना है कि सदियों तक लोग इस विश्वविद्यालय को याद रख सके। इसको शोध केंद्र के तौर पर विकसित करने की जरूरत है। नीतीश कुमार ने कहा कि नैनो टेक्नोलॉजी यहां काम कर रहा है, इसके अलावे जियोग्राफी, फिलॉसपी, और एस्ट्रोनॉमी का भी सेंटर यहां खोला जाना चाहिए। उन्होने कहा कि इस यूनिवर्सिटी को ज्ञान के सेंटर के तौर पर विकसित किया जाना चाहिए। जब इस यूनिवर्सिटी की परिकल्पना की जा रही थी तब हमने सोचा कि मेडिकल या इंजिनीरिंग की संस्था या यूनिवर्सिटी खोलने के बजाय एक ऐसा यूनिवर्सिटी खोला जाए जहां से एक साथ कई प्रकार के शिक्षा प्राप्त कर सकें। इसलिए ज्ञान यूनिवर्सिटी हमने बनाया और नामकरण आर्यभट्ट के नाम पर किया गया। नीतीश कुमार ने कहा कि यहां स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की पढ़ाई भी होनी चाहिए। पत्रकारिता का भी एक सेंटर होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पूरे इलाके को एजुकेशनल हब के तौर पर सरकार विकसित करने जा रही है। पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी को भी यहीं लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमलोग संसाधन जुटा सकते हैं। विशेषज्ञों को बुलाने का आग्रह कर सकते है। लेकिन काम तो आपलोगों को ही करना पड़ेगा। उन्होने कहा कि बिहार में बहुत नदियां हैं। इन नदियों पर भी स्टडी होना चाहिए। नीतीश कुमार ने कहा कि आज से 15 सौ साल पहले आर्यभट्ट ने एस्ट्रोनॉमी, गणित में अपना योगदान दिया था। आज यदि शून्य की खोज नही होती तो आज दुनिया इतनी तरक्की नहीं करती। पटना के पास ही खगौल है, सोन नदी के किनारे भी एक तारेगना है। वहीं वे शोध किया करते थे। इसलिए एस्ट्रोनॉमी का एक सेंटर होना चाहिए। यदि नई पीढ़ी ठान ले तो बिहार का पुराना गौरव फिर से हासिल किया जा सकता है।

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वहीं बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 15 साल पहले तक ये इलाका जल जमाव के लिए जाना जाता था। लेकिन आज इस इलाके को एजुकेशनल हब बनने की सरकार तैयारी कर रही है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि लगता ही नहीं है कि हम पटना में हैं। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार अपने 2 लाख के बजट में से 34 हज़ार करोड़ रुपए खर्च कर रही है यानी बजट का 17 प्रतिशत। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की मांग देखते हुए बिहार सरकार ने सातवाँ बेतन आयोग लागू कर दिया है और इसी के साथ बिहार गिने चुने राज्यों में शामिल हो गया है जहां ये लागू है। इससे 872 करोड़ एरियल और 472 करोड़ अतरिक्त भार बिहार सरकार पर होगा। सुशील मोदी ने कहा कि रिटायर्ड शिक्षको को भी सातवें बेतन आयोग की सिफारिशें लागू होंगी। कॉलेज में पढ़ाने वाले गेस्ट टीचर की नियुक्ति कर्मचारी चयन आयोग से होगा। उन्होंने कहा कि क्या वजह है कि जितने भी नोबेल विजेता हैं वे सब अमेरिका और इंग्लैंड से है। देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती विश्वविद्यालय में शोध की है और आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में नैनो टेक्नोलॉजी ने काम करना शुरू कर दिया है।

(मानस द्विवेदी)

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