सीएम नहीं बनना चाहते नीतीश, फिर किसके कहने से लेंगे शपथ?
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के परिणाम आने के बाद एनडीए में सरकार बनाने को लेकर चल रही जद्दोजहद समाप्त हो गई है। सोमवार को 17वीं विधानसभा के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शाम 4:00 बजे शपथ ग्रहण करेंगे।
इन सब के बीच नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री बनने को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिससे राजनीतिक गलियों में हलचल मच गई है।
नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे निर्देश दिया गया कि मैं सीएम बनूँ। लेकिन, सीएम के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर यह चर्चा होने लगी कि जनता ने तो जनादेश नीतीश को सीएम बनने के लिए नहीं दिया। लेकिन, जनता ने जिसे सीएम चुनने का जनादेश दिया, उन्होंने नीतीश कुमार को सीएम चुना है।
वैसे नीतीश ने निर्देश की बात इसलिए कही। क्योंकि, भाजपा व जदयू के विधायक ने उन्हें निर्देश दिया है कि बिहार में एनडीए के नेतृत्व आप( नीतीश) करें।
मैं तो चाहता था कि इस बार बिहार का मुख्यमंत्री भाजपा का बने
एनडीए के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि मैं तो चाहता था कि इस बार बिहार का मुख्यमंत्री भाजपा का बने लेकिन कुछ लोगों ने मुझसे मुख्यमंत्री बनने को लेकर आग्रह किया। नीतीश कुमार के आवास पर एनडीए की बैठक के बाद उनके ही नेतृत्व में एक शिष्टमंडल रविवार को गवर्नर हाउस पहुंचा जहां सभी ने मिलकर सरकार बनाने का दावा किया। नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार गठन का दावा पेश किया और 126 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा।
नीतीश कुमार के बतौर सीएम बिहार में सातवीं पाठ शपथ लेने का मार्ग तो प्रशस्त हो गया है, लेकिन सोमवार को नीतीश कुमार जहां सीएम बनेंगे वहीं सुशील कुमार मोदी बतौर डिप्टी सीएम बिहार की कमान संभालेंगे या नहीं इसको लेकर संशय बरकरार है।
जानकारी हो कि इस बार के चुनाव में एनडीए में बीजेपी सबसे बड़ा दल बनकर उभरा है जबकि जेडीयू को उसकी तुलना में कम सीटें आईं हैं ऐसे में नीतीश कुमार के सीएम बनने को लेकर काफी पहले से ही सवाल उठ रहे थे। हालांकि अब इस बात तो निर्णय हो गया है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे।