”एमएलसी चयन को लेकर CM से हुई चूक”, नीतीश बोले- फर्क नहीं पड़ता

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पटना : बिहार में विधान परिषद के लिए राज्यपाल द्वारा मनोनीत सदस्यों ने कल संध्या 5:00 बजे अपने पद की शपथ ग्रहण कर ली है। वहीं मनोनीत सदस्यों को लेकर एनडीए गठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की नाराजगी सामने आ रही है।

विधान परिषद सदस्यों के मनोनयन को लेकर बिहार विधानमंडल में जीतन राम मांझी ने कहा कि एमएलसी चयन को लेकर जो भी हुआ, वह सही नहीं था, नीतीश सरकार से इस मामले में बड़ी चूक हुई है।

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इसके आगे उन्होंने कहा कि आमतौर पर सरकार में शामिल सभी घटक दलों से बातचीत कर कोई बड़ा फैसला लिया जाता है। लेकिन जब विधान परिषद सदस्यों के लिए चयन की बात हुई तो मुझे इसके लिए कोई सूचना नहीं दी गई हमें दरकिनार किया गया।

मांझी ने कहा कि विधान परिषद में जाने वाले सदस्यों ने किनका – किनका नाम जाना था इसको लेकर एक बैठक की जानी चाइए थी। इसको लेकर सरकार से कहीं न कहीं चूक हुई है, जिसे नकारा नहीं जा सकता।

साथ ही उन्होंने इस दौरान पत्रकारों द्वारा किए गए सवाल क्या आप एनडीए का साथ छोड़ देंगे पर उन्होंने कहा कि वह वर्तमान में एनडीए के साथ हैं इस मसले को लेकर अभी अधिक कुछ नहीं बोल सकते हैं।

राजनीत में हर किसी को बोलने का हक

जानकारी हो कि कल बिहार विधान परिषद के लिए मनोनीत किया गया सदस्यों की सूची में जदयू और भाजपा ने अपने अपने पाले में 6 -6 सीट रखी वहीं सहयोगी दल हम और वीआईपी को एक भी सीट नहीं दिया गया। इसी को लेकर हम के मुखिया कल से ही लगातार नाराज चल रहे हैं हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कह दिया है कि कौन नाराज हैं मुझे पता नहीं।आपके पास तो सीमित अधिकार है।उसके बारे में किन्ही की कोई राय होती है उस पर क्या कहिएगा? राजनीत में हर किसी को बोलने का हक है, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

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