CM की रैली के साथ बोचहां में थम जाएगा चुनाव प्रचार, BJP और VIP के लिए बड़ी लड़ाई
पटना : बिहार के तमाम राजनीतिक दलों के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुकी बोचहां विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर प्रचार-प्रसार का शोर रविवार शाम को थम जाएगा। इस सीट पर कब्ज़ा करने को लेकर एनडीए, राजद ,वीआईपी के तरफ से जोर- शोर से तैयारी चल रही है।
CM जा रहे हैं बोचहां
चुनावी प्रचार के दौरान ये सभी पार्टी के प्रमुख नेताओं द्वारा जीत का दावा किया जा रहा है। वहीं, आज अंतिम दिन एनडीए प्रत्याशी बेबी देवी के लिए वोट मांगने खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुजफ्फरपुर जिले के बोचहां विधानसभा क्षेत्र में जाएंगे। वहीं राजद उम्मीदवार अमर पासवान भी अंतिम दिन पूरा दमखम दिखाएंगे। इन दोनों के अलावा मुकेश सहनी भी अपने उम्मीदवार डॉ गीता देवी को मजबूत करने के लिए पूरी ताकत दिखाएंगे।
BJP – JDU के बीच दिख रही तल्खी
बता दें कि, उपचुनाव के परिणामों को ध्यान में रखते हुए एनडीए गंठबंधन के साथ ही अन्य सभी दलों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इस सीट पर विशेष रूप से भाजपा को दोहरी चुनौती मिल रही है,क्यूंकि पिछले कुछ समय के दौरान ऐसा देखने को मिला है कि यहाँ के कार्यकर्ता भाजपा से काफी नाराज हैं। वहीं,पिछले कुछ दिनों में भाजपा और जदयू के हुई बयानबाजी से दोनों के बीच तल्खी भी देखने को मिली हैं।
सहनी को मात देने की भी चुनौती
वहीं, दूसरी तरफ मुकेश सहनी को एनडीए से बाहर का रास्ता दिखाने के बाद अब एनडीए को सहनी को मात देने की भी चुनौती है। साथ ही दो दिन पहले आए एमएलसी चुनाव परिणाम में जिस तरह से एनडीए उम्मीदवारों की जीत का प्रतिशत कम हुआ है इसका कहीं न कहीं असर इस चुनाव पर भी पड़ता हुआ दिख रहा है। ऐसे में उसे गलत साबित करने के लिए भी इस उपचुनाव को जीतना एनडीए के लिए जरूरी है।
इधर, पिछले दिनों जिस तरह से राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा उच्चे वर्गों के नेतायों को अपनी पार्टी में तरहजी दी जा रही है, इसका सीधा फायदा बोचहां विधानसभा सीट पर राजद प्रत्याशी को मिल रहा है। बीते रात भी वहां राजद के नवनिर्वाचित एमएलसी और उच्च वर्ग से संबंध रखने वाले लोगों का जो जमावड़ा लगा,वह राजद के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, लेकिन अन्य दलों के लिए यह चिंता की सबब होगी।
इन सब के बीच,त्रिकोणीय चुनाव में मुकेश सहनी के लिए अपनी राजनीतिक जमीन बचाने की चुनौती होगी। वीआईपी ने बोचहां से आठ बार के विधायक रहे रमई राम की बेटी गीता देवी को उम्मीदवार बनाया है। लेकिन उनके लिए चुनौतियां बेहद ज्यादा हैं, क्यूंकि सहनी को सबसे पहले यह साबित करना है कि, उनकी एनडीए से अलग अपनी एक व्यापक पहचान है। इसलिए अपनी पहचान को बनाए रखने के लिए सहनी भी प्रचार के अंतिम दिन पूरी जोर आजमाइश लगाए हुए हैं।