चरित्र प्रमाण पत्र को लेकर प्रशासन की सफाई, नहीं होगा लोकतंत्र का हनन

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पटना : बिहार सरकार ने नौकरी और ठेकेदारी में चरित्र प्रमाण पत्र को लेकर नया आदेश जारी किया था। इसके बाद लगातर हो- हल्ला मचा हुआ है। इसके बाद सरकार ने इस मामले में पूरी सफाई पेश की है।

सरकार की तरह से गृह विभाग के अवर सचिव अमीर सुबहानी और डीजीपी ने इस आदेश पर अपनी सफाई दी है। दरअसल सरकार की तरफ से गृह विभाग ने 25 जनवरी को एक आदेश जारी किया था। इस आदेश में कहा गया था कि
सरकारी नौकरी और ठेके में योग्यता के लिए कैरेक्टर सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही अगर किसी तरह के धरने प्रदर्शन या अन्य सरकार विरोधी आंदोलन में शामिल हुए तो वैसी स्थिति में नौकरी या ठेके से हाथ गंवाना पड़ सकता है।

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इसके बाद अब अवर सचिव और डीजीपी ने कहा कि लोकतंत्र में व्यक्तिगत स्वतंत्रता की आजादी होती है और इसके तहत शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई है। इस आदेश में लोकतंत्र में मिले आदेश का हनन नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि दरसअल 2006 और 2020 में का प्रपत्र के अंदर कैरेक्टर सर्टिफाई करने के लिए जिन बातों का उल्लेख किया गया है। उसी से जुड़ा यह तीसरा पत्र जारी किया गया इसे लेकर लोगों के बीच भ्रम पैदा हुआ।

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