पटना : पटना यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव के तारीख की घोषणा होते ही कैंपस में छात्रनेताओं और छात्र यूनियनों की गतिविधियां अचानक बढ़ गईं हैं। विवि में विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े छात्रनेता विद्यार्थियों से समस्याओं और उसके निवारण के प्रस्ताव लेकर मनाने—लुभाने के चुनावी दांव खेलते नजर आने लगे हैं।
ज्ञात हो कि पिछला छात्रसंघ चुनाव विवादों से भरा रहा था। तब छात्रनेताओं के दल-बदल से लेकर नामांकन रदृ करने जैसे मामले लाइमलाइट में रहे थे। जाहिर है पिछले चुनाव की कार्यावधि भी कम रही थी जो इस वर्ष ससमय किया जा रहा है। इसबार जहां पटना काॅलेज में आज अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के छात्रनेता विभिन्न विभागों में प्रचार करते नजर आए, वहीं दूसरी ओर बीएन काॅलेज कैम्पस में छात्रों की बैठक बुलाई गई। बीएन काॅलेज के पिछले वर्ष के निर्वाचित काउंसलर मधुसूदन मुकुल ने बैठक में काॅलेज की मूलभूत सेवाविहीन समस्याओं का जिक्र किया। बीएन काॅलेज की स्थिति बयां करते हुए उन्होंने कहा कि काॅलेज निर्माणाधीन स्थिति में पिछले छह वर्षों सें है। साथ ही यहां ऐकेडमिक समस्याएं अब भी चिंता का विषय हैं। हालांकि पिछले सालों में लाइब्रेरी की व्यवस्था, पाठयक्रमों में शिक्षकों की उपस्थिति आदि में सुधार जरूर हुआ है।
पटना विवि की छात्र राजनीति शुरूआती दौर से ही बिहार की राजनीतिक रूपरेखा तैयार करने वाली मानी जाती रही है। बिहार और देश की राजनीति में अश्विनी चैबे, रामजतन सिन्हा, लालू प्रसाद, नीतीश कुमार और सुशील मोदी जैसे बडे नाम पीयू छात्रसंघ की ही देन है। बीएन काॅलेज में आयोजित बैठक में काॅलेज काउंसलर मधुसूदन मुकुल के अलावा छात्र लोजपा के संरक्षक संजीव कुमार, छात्र नेता पीयूष, अनीष मिश्रा और छात्र आदि मौजूद थे।
(सत्यम दुबे)