पटना : चुनाव आयोग मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट को सख्ती से लागू करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। रोज़ नए-नए फरमान जारी करके चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों की अच्छी खबर ले रखी है। दूसरी तरफ प्रत्याशियों ने भी चुनाव आयोग द्वारा फरमानों को न मानने की क़सम खा रखी है। वोट पाने के लिए प्रत्याशी मतदाता को प्रलोभन दे रहे हैं। बिहार सहित देश के कई भागों से ऐसी खबरें मिल रही हैं और इससे चुनाव आयोग खासा परेशान है। कई प्रत्याशियों पर अपने समर्थकों और मतदाताओं को मुफ्त वाहन सुविधा और परिवहन की सुविधा देने का आरोप लग रहा है। कई जगहों से शिकायत मिलने के बाद चुनाव आयोग के कान खड़े हो गए हैं। चुनाव आयोग ने सभी जिलों में तैनात पर्यवेक्षकों को आदेश दिया है कि यदि उन्हें आचार संहिता के उलंघन का मामला दिखे तो तुरंत आपराधिक मामला दर्ज करें। और जो भी खर्च हो उसका हिसाब प्रत्याशी के खाते से जोड़ दिया जाए। चुनाव अधिकारियों ने बताया कि प्रत्याशियों की तरफ से वोटर्स को बरगलाने के लिए कई हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।उनमें से एक हथकंडा ये भी है। चुनाव आयोग की मानें तो प्रत्याशी अपना पैसा खर्चकर मतदाताओं को बूथ तक ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा कि ये अपने आप मे एक नए तरह का मामला है और इसमें किसी को पकड़ पाना आसान नहीं होता है। इस तरह के ट्रेंड पिछले कुछ चुनावो से देखने को मिल रहे हैं। बिहार में भी इस ट्रेंड ने जोर पकड़ रखा है। पहले तो मतदाताओं को प्रलोभन के तौर पर पैसे और शराब बाटें जाते थे। इससे प्रत्याशियों पर फौरन कारवाई हो जाती थी। लेकिन अब प्रत्याशी भी चालाक हो गए हैं। जितने नियम हम बना रहे हैं उतने ही तरीक़े वे ढूंढ रहे हैं। और यही कारण है कि प्रत्याशी आचार संहिता का उलंघन भी कर लेते हैं और बच निकलते भी हैं।
मधुकर योगेश
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