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चिरांद में खुदाई के बाद नहीं मिली मजदूरी, श्रमिकों की ​पूर्व विधायक से गुहार

डोरीगंज/सारण : सदर प्रखंड के चिरांद पंचायत अंतर्गत पुरातात्विक स्थल पर खुदाई में काम करने वाले मजदूरों ने अपने बकाया भुगतान के लिए गरखा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक ज्ञानचंद मांझी से मजदूरी भुगतान की गुहार लगायी। मजदूरों का कहना था कि चिरांद के पुरातात्विक स्थल पर मार्च 2019 से खुदाई का कार्य प्रारंभ हुआ जिसमें लगभग 70 मजदूर कार्य में लगे। विभाग द्वारा सभी मजदूरों का आधार तथा खाता संख्या लगाया गया और बताया गया कि उन्हे हर सप्ताह उनके खाते में राशि भेज दी जाएगी। मजदूरों का कहना था कि कार्य करने के लगभग दो माह बाद कुछ ही लोगो के खाते में 15-15 सौ की राशि आयी। उसके बाद खुदाई कार्य जून माह में बंद हो गया।

कार्य बंद होने के बाद खुदाई में मिले अवशेष की साफ सफाई करायी गयी तथा पैकेट बनाकर रखवाया गया जो लगभग 10 जुलाई तक चला। इस दौरान अधिकारियों द्वारा मजदूरी भुगतान की बात जल्दी कर देने की बात कही गयी। लेकिन आज तक मजदूरी का भुगतान नहीं हो सका। मजदूर शंकर पासवान, शंकर मांझी, बासमती देवी, भानू मांझी, सहदेव मांझी, सुखदेव मांझी, शिव साह, चनेश्वर भगत, रामएकबाल मांझी, गणेश राय, अशोक राय , सुमन साह शिला देवी, कुंती देवी, तुफान मांझी, सिकंदर माझी, मकटू मांझी, कन्हाई मांझी, परशुराम मांझी, प्रभु महतो, रतन महतो आदि का कहना था कि हमलोगों का परिवार रोज की मजदूरी पर ही चलता है।

सरकारी काम होने के कारण हम लोग महाजन से कर्ज लेकर राशन तथा अपना जरूरी कार्य करने लगे। लेकिन धीरे—धीरे जब मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ तो महाजन अब कर्ज देने से मुकर गया। ऐसे में कई मजदूरों के घर का चुल्हा व बच्चों की पढाई को लेकर समस्या उत्पन्न हो गयी है। मजदूरों का कहना था कि विभाग के लोग अब फोन भी नहीं उठा रहे हैं। इसलिए उन्हें डर सता रहा है कि उनकी मजदूरी के पैसों का अधिकारी गबन तो नहीं कर गये। लिहाजा उन्होंने आपबीती पूर्व विधायक ज्ञानचंद माझी से कही। पूर्व विधायक द्वारा विभाग के मंत्री से बात की गयी। उन्होंने मजदूरों से एक आवेदन भी लिया जो विभागीय मंत्री को सौपेंगे। उन्होंने बताया कि जल्द ही मजदूरों का भुगतान किया जाएगा तथा दोषी अधिकारियों के खिलाफ मंत्री से शिकायत की जाएगी।