बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व जब चिराग पासवान ने यह निर्णय लिया था कि बिहार में लोजपा नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ेगी। हुआ यूँ कि जदयू जिन-जिन सीटों पर चुनाव लड़ी, उन सभी सीटों पर लोजपा ने अपने उम्मीदवार उतार दिए। नतीजा यह हुआ कि चिराग के कारण जदयू को भारी नुकसान हुआ है। इसके बाद से ही जदयू नेता लगातार शोर मचाए हुए हैं कि चिराग पासवान एनडीए से बाहर हो चुके हैं।
लेकिन, भाजपा ने जदयू के दावों को खारिज करते हुए स्पष्ट रूप से संकेत दे दिया कि चिराग पासवान एनडीए का हिस्सा थे, हैं और रहेंगे। दरअसल, बजट सत्र को लेकर भाजपा ने अपने सहयोगी दलों को पत्र भेजकर प्रधानमंत्री के साथ होने वाली बैठक में बुलाया है। यह बैठक 30 जनवरी को शाम दोपहर 3 बजे होनी है। लेकिन, स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए चिराग पासवान इस बैठक में भाग नहीं लेंगे।
संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद पटेल ने एनडीए के तमाम घटक दलों के नेताओं को न्योता भेजकर बैठक में शामिल होने को कहा है। इस क्रम में जोशी ने चिराग पासवान को भी पत्र भेजकर एनडीए के घटक दल की बैठक में शामिल होने को कहा है, लेकिन तबीयत ख़राब होने की वजह से चिराग पासवान इस बैठक में भाग नहीं लेंगे। लोजपा सुप्रीमो को बेड रेस्ट की सलाह दी गई है।
ज्ञातव्य हो कि चिराग पासवान के एनडीए में होने का दावा सबसे पहले बिहार सरकार के मंत्री व भाजपा नेता जीवेश मिश्रा ने किया था। जीवेश ने कहा था कि चिराग पासवान एनडीए में थे और रहेंगे। वहीं, दूसरी तरफ जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह तथा महासचिव केसी त्यागी बार-बार कह रहे हैं कि चिराग पासवान एनडीए का हिस्सा नहीं हैं।
इस लिहाज से यह स्पष्ट होता है कि भाजपा ने कभी भी चिराग पासवान को एनडीए से अलग नहीं किया था और चिराग पासवान ने भी कभी ऐसा नहीं कहा था कि वे भाजपा से अलग हैं।