चीन की दोगली नीति, आतंकी हमले की निंदा व आतंकियों को संरक्षण
पटना: कश्मीर के पुलवामा में हुये आतंकी हमले की निंदा कररने की औपचारिकता करने में चीन पीछे नहीं रहा। चीन ने एक बयान जारी कर कहा है कि इस घटना से वह चैंक गया है और आतंकवाद की कड़ी निंदा करता है। लेंकिन, इतना कहने के बाद भी चीन पाकिस्तान द्वारा पाले जा रहे आतंकियों को संरक्षण देने की अपनी नीति पर कायम है। पूरा विश्व समुदाय इस आतंकी घटना की निंदा कर रहा है और इसे विश्व शांति के लिए खतरा बता रहा है। एक बार फिर भारत ने पाकिस्तान में मांद बनाकर बैठे आतंकी मसूद अजहर पर पाबंदी लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र से अपील की थी लेकिन चीन एक बार फिर इसका विरोध किया है। चीन ने मसूद अजहर पर बैन लगाने की अपील ठुकरा दी है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद भी चीन मसूद और पाकिस्तान के साथ खड़ा है। उसकी यह दोगली नीति की विश्वभार मंे निंदा हो रही है। भारत में रूस के राजदूत ने पुलवामा हमले पर दुख जताया है। इसके साथ ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि उनकी संवेदनाएं भारत के साथ हैं। हम इस क्रूर अपराध की कड़ी निंदा करते हैं। इस हमले के अपराधियों और प्रायोजकों को बेशक सजा दी जानी चाहिए। चीन पाकिस्तान के आतंकियों के पीछे इसलिए खड़ा है क्यों कि वह पाकिस्तान को अपनी कॉलोनी बनाना चाह रहा है। पाकिस्तान की जनता चीन के व्यवहार से कुपित है। लेकिन, आतंकियों के सहारे चीन पाकिस्तान को अपने कब्जे में लेना चाह रहा है। इससे इस क्षेत्र में अशांति की समस्या खड़ी हो गयी है। चीन के इस नीति को पूरे विश्व के देश समझ रहे हैं।