पटना : केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 20 सितम्बर को गोवा में जीएसटी कॉउंसिल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। पीसी में निर्मला सीतारमण के द्वारा जो ऐलान किया। इस ऐलान के बाद के बाद यह कहा जा रहा है, कि जो कंपनियां अमेरिका-चीन के बीच चल रहे व्यापार युद्ध की वजह से प्रभावित हो रही हैं, वे अब भारत में आएँगी.
केंद्रीय वित्तमंत्री के पीसी के बाद गुरुवार को बिहार भाजपा कार्यालय में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पीसी किया। सुशील मोदी ने कहा कि जो घरेलू कंपनियां हैं यानी जो अपने देश की कंपनियां हैं, यदि किसी प्रोत्साहन का लाभ नहीं ले रही है, तो उनपर लगने वाला कॉरपोरेट टैक्स को घटाकर 22 फीसदी कर दिया गया है, जो कि पहले 30 फीसदी लगता था। सरचार्ज और सेस लगाकर अब ये टैक्स 25.17 फीसदी हो जाएगा। पहले यह टैक्स 34.94 फीसदी लगता था। सरल भाषा में कहा जाए, तो पहले कोई कंपनी रु 100 करोड़ कमाती थी, तो उसे भारत सरकार को रु 34.94 करोड़ टैक्स देना पड़ता था। बल्कि, अब उस कंपनी को रूपये 25.17 करोड़ टैक्स देना पडेगा।
सुशील मोदी ने आगे कहा कि अगर कोई कंपनी नई है, तो उसे कुल मिलाकर 29.12 फीसदी का कॉरपोरेट टैक्स देना पड़ता था। लेकिन, अब 15 फीसदी का टैक्स देना पड़ेगा। सेस और सरचार्ज मिलाकर टैक्स 17.5 फीसदी देना पड़ेगा। नया टैक्स 1 अप्रैल, 2019 से लागू होगा। शेयरों को पुनर्खरीद (shares) की घोषणा 5 जुलाई, 2019 से पहले करने वाली कम्पनियों के पुनर्खदीद पर टैक्स नहीं लगेगा। कंपनियां अब 2 प्रतिशत CRS फंड का इस्तेमाल IIT, विश्वविद्यालयों, शोध संस्थानों में शोध कार्यो के लिए कर सकेंगे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विगत एक माह में अर्थव्यवस्था सुधार हेतु सरकार द्वारा बहुत सारे महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं
* सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय कर 4 बैंक बनाना। 2017 में जहाँ 27 बैंक थे अब 12 रह जाएगें।
* सरकार बाजार में 5 लाख करोड़ के ऋण प्रवाह हेतु बैंकों को 70 हजार करोड़ देगें ताकि खुदरा व्यापारी, MSEM काॅरपोरेट को लाभ मिले।
* रिज़र्व बैंक के रेपो रेट (Repo rate) को ब्याज दर से जोड़ा जाता, ताकि आवासन ऋण, वाहन एवं अन्य खुदरा ऋणों कार्यशील पूँजी की EMI कम हो सके।
* घर, वाहन, उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद को प्रोत्साहित करने हेतु Housing Finance Corporation को 30 हजार करोड़ तथा NBFC को भी वित्तीय सहायता दिया गया है।
* 45 लाख तक के घर के लिए 31 मार्च, 2020 तक के लिए गए ऋणों के ब्याज पर डेढ़ लाख रूपये तक की छूट।
* 31 मार्च, 2020 तक संकटग्रस्त MSME’S को NPA घोषित नहीं किया जायेगा।
प्रेस वार्ता में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स कम होने से अमेरिका-चीन के बीच चल रहे Trade War के कारण चीन से बड़ी संख्या में कम्पनियाँ पलायन कर वियतनाम, थाइलैंड आदि देश जहाँ काॅरपोरेट टैक्स की दर काफी कम है, वहाँ स्थापित हो रही है। कॉरपोरेट टैक्स घटने से कंपनियां भारत में निवेश करेगी जिसके कारण नौकरियां जाने का खतरा कम हो जाएगा।
कॉरपोरेट टैक्स घटने से कंपनियों का मुनाफा बढ़ेगा और मुनाफा बढ़ने के कारण कंपनियां अपने प्रोडक्ट की कीमत में भी कर सकती हैं। नई कंपनियां और स्टार्टअप शुरू होंगे, इसके कारण देश में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। कंपनियों का कॉरपोरेट टैक्स घटने से कंपनियां अपने दायरे का विस्तार करेंगी और लोगों की ज़रूरत पड़ेगी और रोजगार भी बढ़ेंगे जिससे देश का विकास होगा।
इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष सह कार्यालय प्रमुख देवेश कुमार, प्रदेश उपाध्यक्ष सह विधायक मिथलेश तिवारी, प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल, सुरेश रूंगटा व अजीत चौधरी मौजूद थे।