छपरा की मेयर राखी गुप्ता बर्खास्त, इसलिए हुई कार्रवाई

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सारण/पटना : छपरा की मेयर राखी गुप्ता को निर्वाचन आयोग ने बर्खास्त कर दिया है। राखी गुप्ता की बर्खास्तगी उनके द्वारा चुनावी हलफनामे में अपने तीसरे बच्चे की जानकारी छुपाने पर की गई है। राखी गुप्ता ने हलफनामे में दो बच्चों का ही जिक्र किया था जबकि उन्हें 3 बच्चे हैं। बिहार में निकाय चुनाव आम चुनाव में नियम यह कहता है कि इसमें 2 बच्चों के माता-पिता ही उम्मीदवार हो सकते हैं। मेयर का चुनाव वही लड़ सकता है जिसके दो बच्चे हैं। दो से अधिक बच्चे होने पर वह व्यक्ति मेयर का चुनाव नहीं लड़ सकता।

दिसंबर 2022 में राखी ने छपरा नगर निगम से मेयर का चुनाव जीता था। उस समय राखी गुप्ता के दिए गए हलफनामा में गलत जानकारी दी गई थी। हलफनामे में राखी ने अपने दो जीवित संतान का जिक्र किया था। रजिस्ट्री ऑफिस से मिले कागजात के अनुसार राखी गुप्ता को तीन जीवित संतान हैं, उसमें दो बेटी और एक बेटे का जिक्र है। बताया गया कि मेयर ने हलफनामा में दो बच्चियों का जिक्र किया था, लेकिन छपरा रजिस्ट्री कचहरी से मिले कागजात के अनुसार राखी गुप्ता को तीन बच्चे हैं, जिसमे उन्होंने एक बच्चे को अपने निःसंतान रिश्तेदार को लिखित रूप से भेंट कर दिया था। नियम के तहत दो या दो से अधिक बच्चे के माता-पिता को चुनाव लड़ने से सरकार ने वंचित किया हुआ है। यही कारण रहा कि राखी ने अपने एक बच्चे को रिश्तेदार को सौंप दिया था।

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इधर, इस बात की जानकारी पूर्व मेयर सुनीता देवी को मिली। सुनीता ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए राखी की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। सुनीता देवी ने राखी पर तीन बच्चे होने का आरोप लगाया था। आरोप में कहा गया कि मेयर राखी गुप्ता के तीन संतान होने के बावजूद उन्होंने अपने शपथ पत्र और नामांकन फॉर्म में गलत जानकारी दी है। राखी ने कहा कि जब मैंने चुनाव जीता था तो वो जीत मेरी नहीं जनता की जीत थी। चूक मुझसे नहीं हुई है। आज लोगों को लगता है कि राखी गुप्ता हारी है तो मैं नहीं जनता की हार है। जो हमारे पीछे लगे थे उनकी जीत हो गई है। राखी गुप्ता के तीन संतान श्रीयांशी प्रकाश (14), शिवंशी प्रकाश (9) और श्रीश प्रकाश (6) हैं। आरोप है कि 2008 के बाद उन्हें ये तीन संतानें हुई हैं, लेकिन अपने नामांकन में उन्होंने सिर्फ दो के बारे में ही जानकारी दी।करीब पांच महीनों तक लगातार सुनवाई चली। पांच जून बुधवार को निर्वाचन आयोग द्वारा अंतिम तारीख पर पेशी के दौरान दोनों पक्ष को सुनते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। गुरुवार को चुनाव आयोग द्वारा मेयर राखी गुप्ता को अयोग्य करार कर दे दिया।

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