चमकी बुखार का कारण लीची तो नहीं? क्या कहता है रिसर्च?

0

पटना : बिहार में पिछले करीब 20 वर्षों से ‘फिर एक बार, चमकी बुखार’ का कहर मौत बनकर बच्चों पर टूट रहा है, लेकिन सरकारें आज तक यह पता तक नहीं कर पाईं कि आखिर यह कौन सी बीमारी है? किस वायरस से होती है? इसके होने का कारण क्या है? क्यों यह मुजफ्फरपुर को ही निशाना बना रही है? आदि। तमाम रिसर्च के बाद भी आज तक कुछ ठोस डायग्नोस नहीं हो पाया। इसी सबके बीच कुछ लोग मुजफ्फरपुर में बड़े पैमाने पर इस मौसम में तैयार होने वाले फल लीची से भी इस बीमारी का कनेक्शन जोड़ते हैं। आइए जानते हैं कि यह कहां तक सत्य है।

क्या खाली पेट लीची खाने से हो रही दिक्कत?

Image result for द लैंसेट

swatva

इंग्लैंड में लंदन से प्रकाशित ‘द लैन्सेट’ नाम की मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च की मानें तो लीची में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पदार्थ जिन्हें हाईपोग्लाईसीन—A और मिथाईल इनसाइक्लोप्रोपीलग्लाईसीन (MPCG) कहा जाता है, शरीर में फैटी ऐसिड मेटाबॉलिज़म बनने में रुकावट पैदा करते हैं। इसकी वजह से ही लीची मीठी होने के बावजूद इसे खाली पेट खाने से शरीर में ब्लड-शुगर लो लेवल में चला जाता है। इस कारण मस्तिष्क संबंधी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं और दौरे पड़ने लगते हैं। अगर रात का खाना न खाने की वजह से शरीर में पहले से ब्लड शुगर का लेवल कम हो और सुबह खाली पेट लीची खा ली जाए तो एईएस का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

सबसे ज्यादा लीची मेहिषी में, लेकिन वहां प्रकोप नहीं

Image result for lichiयदि मेडिकल जर्नल में प्रकाशित रिसर्च को मुजफ्फरपुर में फैले चमकी बुखार से हो रही मौतों के संदर्भ में देखें तो यह काफी हद तक सही साबित होती दिखती है। लेकिन यहां यह भी प्रश्न उठता है कि बिहार में लीची का सबसे ज्यादा उत्पादन मोतिहारी के महिषी में होता है। लेकिन वहां इस बीमारी का कोई प्रकोप नहीं है। इसका अधिकतर प्रकोप मेहिषी से कम लीची उत्पादन करने वाले मुजफ्फरपुर जिले में सर्वाधिक है। साफ है कि केवल लीची वाली थ्योरी को मुजफ्फरपुर में फैली इस बीमारी की अकेली वजह नहीं माना जा सकता। यानी यह तापमान, मुजफ्फरपुर के इलाके में गर्मी में सक्रिय होने वाले एक खास तरह के वायरस या बैक्टीरिया और कुछ हद तक लीची की फसल आदि विभिन्न कारकों के इकट्ठा होने से पैदा हुई समस्या हो सकती है। यही वजह है कि बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने भी मुजफ्फरपुर में लोगों, खासकर बच्चों को खाली पेट लीची नहीं खाने की सलाह दी है।

खाली पेट लीची न खाएं बच्चे

Image result for लीची बच्चा

बताया जा रहा है कि गर्मी के मौसम में मुजफ्फरपुर और आसपास के इलाके में गरीब परिवार के बच्चे जो पहले से कुपोषण का शिकार होते हैं, वे रात का खाना नहीं खाते। यही नहीं, ये बच्चे सुबह का नाश्ता करने की बजाए खाली पेट बड़ी संख्या में लीची खा लेते हैं। इससे भी शरीर का ब्लड शुगर लेवल अचानक बहुत ज्यादा लो हो जाता है और बीमारी का खतरा उत्पन्न हो जाता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने माता-पिता को सलाह दी है कि वे बच्चों को खाली पेट लीची बिलकुल न खिलाएं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here