जातिगत जनगणना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, 20 को सुनवाई
नयी दिल्ली/पटना : बिहार में जातिगत जनगणना कराए जाने को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने जातिगत जनगणना कराने के बिहार सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को स्वीकार करते हुए इसकी सुनवाई की डेट 20 जनवरी मुकर्ररर की है। याचिका में 6 जून को राज्य सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की गई है।
याचिका में उठाए गए ये सवाल
जानकारी के अनुसार बिहार निवासी अखिलेश कुमार ने ये याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है। इसमें बिहार सरकार के जातिगत जनगणना कराने के फैसले को चुनौती देते हुए कुल सात सवाल उठाये गए हैं। इसमें कहा गया है कि बिहार सरकार द्वारा जातिगत जनगणना कराना क्या संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन है? क्या भारत का संविधान राज्य सरकार को जातिगत जनगणना कराए जाने का अधिकार देता है? क्या 6 जून को बिहार सरकार के उपसचिव द्वारा जारी अधिसूचना जनगणना कानून 1948 के खिलाफ है?
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से बिहार सरकार को जातिगत जनगणना से रोकने की भी मांग की गई है। कहा गया है कि बिहार राज्य की अधिसूचना और फैसला अवैध, मनमाना, तर्कहीन, असंवैधानिक और कानून के अधिकार के बिना है। भारत का संविधान वर्ण और जाति के आधार पर भेदभाव पर रोक लगाता है।