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कैबिनेट विस्तार : RCP को तवज्जो, बंगला तोड़ने वालों का पत्ता साफ!

दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को शाम साढ़े पांच बजे मंत्री परिषद का विस्तार करेंगे। इस बार मंत्री परिषद के विस्तार में लगभग डेढ़ दर्जन नए मंत्रियों को शामिल होने की संभावना है। इसके साथ ही कुछ पुराने चेहरों को हटाए जाने की भी संभावना है।

प्रमुख नेताओं को दी जाने लगी सूचना

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल में होने वाला यह पहला मंत्रिपरिषद विस्तार होगा। वे मंत्रिपरिषद विस्तार को लेकर प्रमुख नेताओं को सूचना दी जाने लगी है। इसको लेकर बिहार के दो प्रमुख नेताओं को सूचना दी गई है। मंत्रिपरिषद विस्तार को लेकर मिली सूचना के अनुसार बिहार से तीन नेताओं को मंत्रिपरिषद विस्तार में शामिल होने की संभावना है।

जदयू की भागीदारी पक्की

वहीं, मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में इस बार जदयू की भागीदारी होगी यह बात तो पक्की हो गई है। लेकिन सूत्रों से मिल रही जानकारी के जदयू के तरफ से अभी भी दो कैबिनेट मंत्री और दो राज्यमंत्री की मांग की जा रही है, जिसको लेकर केंद्र सरकार मंजूर नहीं हो पाई है जिसके बाद सिर्फ कैबिनेट मंत्री और एक केंद्र राज्य मंत्री पर मंजूरी मिली है। वहीं बिहार भाजपा से भी मात्र एक नेता को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर सहमति बनी है।

इस बात पर बनी सहमति

कैबिनेट विस्तार को लेकर दिल्ली में हुई बैठक से मिल रही जानकारी के अनुसार जदयू को जब एक कैबिनेट में और एक राज्य मंत्री पद देने की बात हुई तो जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी हल्की न नुकर किया। लेकिन बाद में वह खुद को कैबिनेट में शामिल होने की बात पर सहमति दर्ज कर दिया। वहीं इसके बाद एक राज्य मंत्री पद की भी जदयू के तरफ से मांग की गई तो वहीं इस मांग को बैठक में मंजूरी मिल गई।

जदयू के तरफ से ये होंगे शामिल

वहीं एक-एक सीट की भागेदारी के बाद जदयू सूत्रों के तरफ से जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है उसके मुताबिक आरसीपी सिंह और कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर को मोदी कैबिनेट में जगह मिल रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले मुंगेर सांसद ललन सिंह का नाम हटा दिया गया है। जो कि उनके लिए सबसे बड़ा झटका है।

संगठन में करना होगा और अधिक काम

वहीं, राजनीतिक जानकारों की माने तो ललन सिंह का नाम हटने से बिहार में अग्रिम पंक्ति के लोगों में नाराजगी भी हो सकती हैं लेकिन जब एक ही सीट पर मंजूरी मिली तो उस सीट पर आरसीपी सिंह को भी दिल्ली भेजा गया और इनको अभी संगठन में और अधिक काम करने को कहा गया।

लोजपा को लेकर इस बात की चर्चा

सबसे बड़ी बात जो निकल कर सामने आ रही है वह यह है कि इस बार मोदी कैबिनेट विस्तार में कोई भी सीट लोजपा को नहीं मिल रही है। इसके पीछे का कारण यह बताया जा रहा है कि पारस और चिराग में जो लड़ाई चल रही है उसके कारण ही इनको जगह नहीं मिल रही है। क्योंकि भाजपा द्वारा कहा गया कि पहले लोजपा किसकी पार्टी है वह स्पष्ट हो तभी इसको कैबिनेट में जगह दी जाएगी।

चिराग पर भरोसा

इस मामले को लेकर राजनीतिक जानकारों की मानें तो यह कार्य को अंजाम चिराग पासवान को साथ रखने को लेकर किया गया है क्योंकि इससे लोजपा के नेता चिराग पासवान का साथ मोदी और भाजपा के साथ बना रहेगा और पिछड़ा वर्ग का मत भी मोदी के साथ रहेगा।

अभिनेता से मंत्री तक का कर सकते सफर

वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश से गोरखपुर सांसद रवि किशन को भी मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है इस बात की चर्चा चल रही है। माना जा रहा है कि इनके नामों की चर्चा खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की है।

ब्राहमण मतदाताओं को लुभाने की कवायद

इसके पीछे के तर्क को देखने से लगता है कि आगामी दिनों में उत्तर प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं और भाजपा वहां ब्राहमण मतदाताओं को नाराज करना नहीं चाहती है इसलिए वह रवि किशन को कैबिनेट में शामिल कर ब्राहमण मतदाताओं को अपने साथ रखना चाहते हैं।

बहरहाल, देखना यह है कि मोदी मंत्रीमंडल विस्तार में आगामी दिनों में विभिन्न राज्यों में होने वाले चुनावों को देखते हुए किस राज्यों को कितना सीट दिया जाता है।