उपचुनाव के नतीजे कल, लालू – नीतीश समेत इन नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर

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पटना : बिहार विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए तमाम दलों के दिग्गज नेताओं ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीट पर मतदान संपन्न होने के बाद चुनाव परिणाम का इंतजार अब सभी दल के नेताओं को है। इसके साथ ही इस बार चुनाव परिणाम का इंतजार ऐसे नेताओ को भी है जिन्होंने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए जोरदार प्रचार किया है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सम्भाला तारापुर का कमान

जानकारी हो कि, जेडीयू के तरफ से तारापुर में कमान खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सम्भाल रखी थी। इसके साथ ही बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी को भी तारापुर का प्रभार मिला था जिसको लेकर वह लगातार कैम्प भी किए। इन दोनों के ऊपर जदयू उम्मीदवार को जिताने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी थी। वहीं, भाजपा के तरफ से तारापुर का कमान स्थानीय नेता सम्राट चौधरी को दिया गया था, इस कारण उनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर है।

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6 साल बाद राजद सुप्रीमो की हुई वापसी

वहीं, दूसरी तरफ राजद के लिए तारापुर और कुशेश्वर स्थान प्रतिष्ठा की सीट बनी हुई है, क्योंकि 6 साल बाद राजद सुप्रीमो लालू यादव वापस चुनाव प्रचार करने मैदान में आए और इन्हीं दोनों जगहों पर चुनाव प्रचार किया। हालांकि इसके साथ ही राजद ने दोनों सीटों को अपने पाले में करने के लिए अपने तमाम दिग्गज नेताओं को मैदान में उतार दिया था।

वहीं, लालू यादव ने भी अंतिम समय में आकर बड़ी चुनावी सभा कर माहौल को बदलने की भरपूर कोशिश की और उनकी सभाओं में भीड़ भी उमड़ी। राजद की तरफ से वरिष्ठ नेता उदय नारायण चौधरी, श्याम रजक, भाई वीरेंद्र जैसे कई नेताओं ने तारापुर में कैंप किया हुआ था और लगातार चुनाव प्रचार कर रहे थे।

इसके अलावा राजद से अलग होकर चुनाव लड़ रही कांग्रेस कोई अपनी अहमियत जताने के लिए दोनों विधानसभा में नेताओं की फ़ौज उतार दी। उसकी नज़र मुख्य रूप से कुशेश्वरस्थान पर टिकी हुई थी और यही वजह थी कि कांग्रेस ने ना सिर्फ़ बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास को उतारा था बल्कि अध्यक्ष मदन मोहन झा , कन्हैया कुमार, पप्पू यादव, रंजीत रंजन, प्रेमचंद्र मिश्रा, अनिल शर्मा,जैसे तमाम बड़े कांग्रेसी नेता भी मैदान में उतारा। बिहार कांग्रेस के नेताओं ने बताया कि हम चुनाव जीतें या ना जीतें लेकिन राजद को अपनी अहमियत ज़रूर जता देंगे।

गौरतलब है कि, बिहार में संपन्न हुए दोनों सीटों पर 49.59 फीसदी वोटिंग हुई है। इसमें कुशेश्वरस्थान में 49% तो वहीं तारापुर सीट पर 50.05% मतदान हुआ है। हालांकि यह मतदान प्रतिशत पिछले बार के मतदान प्रतिशत से कम है।

बहरहाल देखना यह है कि, तारापुर और कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट पर मतदान होने के बाद जब 2 नवंबर को परिणाम की घोषणा की जाएगी तो लालू नीतीश और भक्त चरणदास में किसकी प्रतिष्ठा बचती है और किनको मुंह का खाना पड़ता है।

 

 

 

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