बंगले के चक्कर में तेजस्वी को सुप्रीम कोर्ट से 50 हजार का जुर्माना

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नयी दिल्ली/पटना : आज का दिन लालू परिवार के लिए अच्छा नहीं रहा। मुख्यमंत्री आवास के बगल वाले बंगले से नहीं हटने की जिद्द पर अड़े तेजस्वी यादव को सर्वोच्च न्यायालय से भी झटका मिल गया। पटना में देशरत मार्ग स्थित 5 नंम्बर के उस बंगले से तेजस्वी यादव को अब हटना ही होगा जो उन्हें बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री के रूप में मिला था। नीतीश कुमार से अलग होने के बाद अब वे सरकार में नहीं हैं। अब वे बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में है। तेजस्वी यादव ने बंगला नहीं छोड़ने के लिए हाईकोर्ट में अपील की थी। वहां से हारने के बाद वे सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए उनपर पचास हजार का जुर्माना लगा दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुनाते हुए तल्ख लहजे में कहा कि तेजश्वी यादव ने इस तरह की याचिका दायर कर कोर्ट का बहुमूल्य समय खराब किया है। तेजस्वी को अब अपना बंगला खाली करना ही होगा। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि तेजस्वी पूर्व में उपमुख्यमंत्री थे। अब वे इस पद पर नहीं हैं। ऐसे में उपमुख्यमंत्री वाले बंगले में वे क्यों और कैसे रह रहे हैं? तेजस्वी यादव उस बंगले में रहने की जिद पर अड़े हुए थे। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि वे किसी भी कीमत पर बंगला नहीं छोड़ेंगे। जानकारों का कहना है कि तेजस्वी यादव ने बड़े शौक से उस बंगले की सजावट करायी थी। उस बंगले से उन्हें इतना लगाव हो गया था कि वे उसे छोडना नहीं चाहते थे। उनके सलाहकारों ने उन्हेें सरकार के विरोध में पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की सलाह दी थी। वह याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। अब तो तेजस्वी को बंगला खाली ही करनी पड़ेगा।

swatva

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