मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) : अंतरराष्ट्रीय सीमा स्थित होने के कारण मोतिहारी का हरपुर थाना काफी संवेदनशील माना जाता है। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित होने के चलते यह अपराधियों और तस्करों की आवाजाही का भी मुख्य केंद्र है। अपराध नियंत्रण की दृष्टी से इतना अहम होने के बावजूद यह विडंबना ही है कि इस थाने को अपना एक मुकम्मल भवन भी नसीब नहीं है। वगैर हाजत व मालखाना के ही यह थाना जनता की हिफाजत में रात दिन तत्पर रहता है। यहां महज तीन जमादार, 4 जिला बल के सिपाही, 4 होमगार्ड व 2 चैकीदार नियुक्त हैं और इन्हीं के भरोसे 8 गांवो के साथ भारत-नेपाल बॉर्डर से संचालित होने वाले संगठित अपराध से निपटने की जिम्मेदारी है।
जवानों के लिए बैरक भी नहीं
सिपाहियों के लिए यहां रहने व आराम करने हेतु एक बैरक भी नसीब नहीं है। थाना के बगल में स्थित सामुदायिक भवन जरूरत अनुसार कभी जवानों के लिए आरामगाह तो कभी जब्त सामानों के लिए मालखाना बनता रहता है।कड़ाके की ठंड, तेज धूप व बरसात के दिनों में यहां के जवानों व पदाधिकारियों के लिए सुरक्षा का दायित्व निभाना और भी चुनौतीपूर्ण होता है। फिलहाल झोपड़ी में चल रहे इस थाने में तेज बारिश के साथ ही पानी नीचे तक टपकने लगता है। जाड़ा हो या भीषण गर्मी, यह झोपड़ी ही इस थाने के कर्मियों को पनाह देती है।
(रंजीत तिवारी)