पटना : बिहार लोक सेवा आयोग के सदस्य और भाजपा तथा जदयू में रह चुके रामकिशोर सिंह तथा उनके सहयोगी परमेश्वर राय पर आवेदक से नंबर बढ़ाने के नाम पर 30 लाख रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। इस संबंध में निगरानी ब्यूरो ने भ्रष्ट आचरण को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज की है।
निगरानी ब्यूरो द्वारा कराई गई फोन रिकॉर्डिंग
मामला करीब डेढ़ वर्ष पुराना है। बताया जाता है कि बीपीएससी सदस्य रामकिशोर सिंह ने 58वीं और 59वीं परीक्षा के इंटरव्यू में नंबर बढ़ाने के नाम पर आवेदक से 30 लाख रुपये की मांग की थी। उनकी इस काम में परमेश्वर राय ने मदद की थी। परीक्षार्थी ने इस संबंध में एक शिकायत निगरानी ब्यूरो में दर्ज कराई। इस दौरान परीक्षार्थी और रामकिशोर सिंह के बीच कई बार फोन पर बात हुई जिसकी निगरानी ब्यूरो द्वारा रिकॉर्डिंग कराई गई।
आवाज अपनी होने से इनकार, दो दिन पूर्व इस्तीफा
सूत्रों के अनुसार निगरानी ब्यूरो ने राम किशोर सिंह और परीक्षार्थी के बीच फोन पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग की जांच चंडीगढ़ की सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब में कराई। जांच में रामकिशोर सिंह की आवाज की पुष्टि के बाद मुकदमा दर्ज किया गया और अब उनसे पूछताछ की तैयारी चल रही है। इधर आयोग के सदस्य रामकिशोर सिंह ने कहा कि इस मामले में सच्चाई कुछ भी नहीं। कॉल में उनकी आवाज नहीं है। उन्हें साजिशन फंसाया जा रहा है।
मालूम हो कि प्राथमिकी की भनक मिलते ही तीन दिन पूर्व ही आयोग की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया गया है। रामकिशोर सिंह 2006-12 के बीच बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। उन्हें भाजपा ने विधान परिषद में भेजा था। फिर वे भाजपा से नाता तोड़ जदयू में शामिल हो गए थे।