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बीएमएस प्राथमिक शिक्षक संघ का पहला प्रांतीय अधिवेशन

पटना : राजधानी के विश्व संवाद केंद्र में आज प्रारंभिक माध्यमिक शिक्षक संघ संबद्ध भारतीय मजदूर संघ का प्रथम प्रांतीय अधिवेशन हुआ। इस अधिवेशन के बारे में बताते हुए प्रारंभिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष राकेश भारती ने कहा कि इस अधिवेशन में आगामी कार्ययोजनाओं पर चर्चा की जाएगी। शिक्षा और शिक्षक से संबंधित प्रस्ताव पारित किए जाएंगे और नए कार्यसमिति के गठन की घोषणा भी की जाएगी। इसलिए हमरे लिए ये बेहद ही महत्वपूर्ण अधिवेशन है। भाजपा के सह-संगठन मंत्री शिव नारायण प्रसाद ने कहा कि हम सब भरतीय मज़दूर संघ के सदस्य हैं। व्यक्ति से ही देश शक्तिशाली होता है। इसलिए व्यक्ति निर्माण होता रहेगा तो यह देश दुनिया मे अपना स्थान प्राप्त कर लेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय मजदूर संघ सिर्फ मज़दूरों के ही बीच नहीं काम करता बल्कि समाज के और भी विभिन्न क्षेत्रों में यह अपना योगदान दे रहा है। शिव नारायण प्रसाद ने कहा कि 2006 ने पहली बार नियोजित शिक्षको की नियुक्ति हुई थी। फिर 2006-7 में यूनियन बन गया। बाद में और भी नियुक्तियां हुई और 2014-15 में आखिरी बार नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति हुई। उन्होंने कहा कि पहले बिहार सिक्ष्क संघ था, लेकिन शिक्षकों की बेहतरी के लिए इसने कभी आवाज़ नहीं उठाई। हां खुद के सुविधा और बेतन के लिए जरूर हड़ताल और आंदोलन किये। संगठन पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हम सब के मूल में आरएसएस है और देश और दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में सफलतापूर्वक काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि दत्तोपंत ठेंगड़ी भी आरएसएस के ही थे। दत्तोपंत ठेंगड़ी ने मज़दूरों के लिए काम किया और आज भारतीय मजदूर संघ दुनिया का न 1 मजदूर संगठन बन गया है।

वहीं उमा प्रसाद वाजपेयी ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ता सिर्फ यूनियन की बात नहीं करते हैं बल्कि भारत माता को विश्व के शिखर पर पहुंचाने का दायित्व भी रखते हैं। हमलोग दलितों, शोषितों को ऊपर उठाने का काम करते हैं। वाजपेयी ने कहा कि प्रदेश मज़दूर संघ आपकी सभी समस्याओं को जानता है और आपकी बात पहुंचाने की क्षमता रखता है। इसलिए सबसे पहले अपने संगठन को मजबूत बनाना होगा। जितने भी साम्यवादी ट्रेड यूनियन हैं वो आए दिन हड़ताल और हमारी मांगे पूरी करो का नारा लगाते रहते हैं। जब कि मज़दूर संघ कहता है कि हम समाज के लिए राष्ट्र के लिए काम करते हैं। वे कहते हैं कि जो कमाएगा वो खाएगा, जबकि हम कहते हैं कि कमाने वाला खिलायेगा। घर के बुज़ुर्गो, माता-पिता सबको साथ लेकर चलते हैं। उन्होंने आगे कहा कि देश का ऐसा कोई कोना नही जहां हमारा संगठन काम न करता हो। चाहे वो आशा हो, अनगांवड़ी हो, रेलवे हो डिफेंस हो।

(मानस द्विवेदी)