ब्लैक फंगस को ऐपिडमिक एक्ट के तहत किया गया अधिसूचित: मंगल पांडेय
पटना : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर ब्लैक फंगस को ऐपिडमिक डिजिज एक्ट के तहत अधिसूचित किया गया है।
पांडेय ने कहा कि इसके तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई निर्देश जारी किये गये हैं। इस एक्ट के तहत सभी निजी एवं सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा म्यूकोरमायकोसिस के सभी संदिग्ध एवं प्रमाणित मरीजों के मामले को जिला के सिविल सर्जन के माध्यम ये एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम, स्वास्थ्य विभाग को प्रतिवेदित किया जायेगा।
पांडेय ने कहा कि सभी निजी एवं सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा म्यूकोरमायकोसिस से संबंधित जांच, ईलाज एवं प्रबंधन के मामले में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।
अधिसूचना निर्गत होने की तारीख से एक वर्ष तक प्रभावी
स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख इस रोग के संबंध में समय-समय पर जांच, ईलाज एवं प्रबंधन को लेकर यथोचित आदेश निर्गत कर सकेंगे। अगर कोई भी संस्थान उक्त प्रावधानों का उल्लंघन करता है, तो ऐपिडमिक डिजिज एक्ट की धारा-3 के तहत दंडनीय होगा। साथ ही धारा-4 के प्रावधानों के अनुरूप कोई वाद या विधिक कार्रवाई संस्थित नहीं की जा सकेगी। अधिसूचना निर्गत होने की तारीख से एक वर्ष तक प्रभावी रहेगा। इस बीमारी के ईलाज हेतु आवश्यक दवा एंफोटेरिसिन के 6 हजार वायल पूर्व में ही विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पतालों एवं विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों हेतु राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जा चुका है, जो मरीजों को मुफ्त में मिलेगा।
ब्लैक फंगस को लेकर राज्य सरकार गंभीर
वहीं दूसरी ओर पांडेय ने कहा कि कोरोना के साथ-साथ ब्लैक फंगस को लेकर राज्य सरकार गंभीर है और इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। ऐसे मरीजों के बेहतर उपचार के लिए केंद्र सरकार द्वारा भी लगातार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और अन्य उपकरणों की अधिप्राप्ति की जा रही है। शुक्रवार को भी देर रात भारत सरकार द्वारा भारतीय वायु सेना के विशेष विमान से 92 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और 21 हजार 600 वीटीएम (वायरस ट्रांसपोर्ट मिडियम) पटना पहुंचा, जिसे राज्य के विभिन्न जिलों में भेजे जाने की प्रक्रिया जारी है।