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मांझी पर BJP का हमला, कहा- राम को नहीं मानते तो नाम में राम हटा राक्षस लगा लें

पटना : भगवान श्री राम को लेकर विवादित बयान देने के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अब चौतरफा घिरते हुए नजर आ रहे हैं। उनपर इस बार विपक्षी दलों के नेता नहीं बल्कि सहयोगी दल के नेता द्वारा ही हमला बोला जा रहा है।

राम को महापुरुष और जीवित मानने से इंकार

दरअसल, भगवान श्री राम को महापुरुष और जीवित मानने से इंकार करने वाले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी पर भाजपा विधायक ने बड़ा हमला बोला है।बिस्फी सीट से भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर ‘बचौल’ ने कहा कि जीतन राम मांझी अपने नाम से ‘राम’ शब्द को हटाकर जीतन ‘राक्षस’ मांझी रख लेना चाहिए।

नाम जीतन ‘राक्षस’ मांझी क्यों नहीं रखा

इसके साथ ही मांझी से हरिभूषण ठाकुर ने पूछा कि मांझी के मां-बाप ने उनका नाम जीतन ‘राक्षस’ मांझी क्यों नहीं रखा ? नाम में ‘राम’ क्यों लगाया? जीतन राम मांझी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के नाम पर ओछी राजनीति कर रहे हैं। राम भारत के आराध्य हैं। भारत ही नहीं दुनिया में राम को पूजा जाता है। मांझी वोट बैंक के कारण ऐसी गंदी राजनीति कर रहे हैं।

अयोध्या में राम के चरणों में सारे लोग नतमस्तक

भाजपा विधायक ने कहा कि समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी समेत कई पार्टियां राम को नकारती थीं लेकिन आज अयोध्या में राम के चरणों में सारे लोग नतमस्तक हैं। वे लोग राम की ताकत को नहीं जानते इसलिए उन्हें खेद प्रकट करते हुए माफ़ी मांगनी चाहिए।

नासा ने भी रामसेतु के अस्तित्व को सही माना

वहीं, इसके साथ ही भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने भी जीतनराम मांझी पर हमला बोलते हुए कहा कि राम की सत्यता को कोई नकार नहीं सकता। नासा ने भी रामसेतु के अस्तित्व को सही माना है। रामायण पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। इसे पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने पर निर्णय सरकार को लेना है।

जीतन राम मांझी ने कहा कि रामायण की कहानी को वे सत्य नहीं मानते

गौरतलब हो कि, जीतन राम मांझी ने कहा कि रामायण की कहानी को वे सत्य नहीं मानते। उन्होंने यह भी कहा कि श्रीराम को कहा जाये कि वह महापुरुष थे और जीवित थे, इस चीज को भी वे नहीं मानते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि रामायण की कहानी में जो बातें बताई गई हैं, वह सीखने और जानने वाली हैं। बड़ों को और महिलाओं को सम्मान देना और उनके प्रति आदर का भाव रखने की शिक्षा भी हमें रामायण से मिलती है।

रामायण की कहानी सत्य पर आधारित नहीं

वहीं, इससे पहले जीतन राम मांझी ने बिहार के स्कूली पाठ्यक्रम में रामायण को शामिल करने को लेकर हामी भरी है, लेकिन यह कहकर विवाद पैदा कर दिया कि रामायण की कहानी सत्य पर आधारित नहीं है।