भाजपा से सरयू राय बेटिकट! बागी होने के मूड में ‘स्कैम किलर’

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पटना/रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने अब तक जारी चार लिस्टों में विरिष्ठ नेता और पशुपालन घोटाले का भांडाफोड़ करने वाले सरयू राय को बेटिकट कर दिया है। सरयू राय अविभाजित बिहार में भाजपा के जुझारू नेता रहे जिन्होंने पशुपालन और अलकतरा घोटाला उजागर कर लालू सरकार की चूलें हिला दी थी। तब उन्हें स्कैम किलर की उपाधि भी मिली थी। झारखंड बनने के बाद वे वहां बनी भाजपा सरकार में मंत्री भी रहे। लेकिन भाजपा ने इसबार उन्हीं का टिकट ठंडे बस्ते में डाल दिया। इससे उनके समर्थकों में भारी मायूसी है।

कहा-अब नहीं रही पार्टी को मेरी जरूरत

अब तक भाजपा ने झारखंड में चार लिस्ट जारी किया है, जिसमें 72 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। इसमें सरयू राय का नाम शामिल नहीं है। इसे देखते हुए कभी झारखंड—बिहार में पार्टी की रीढ़ रहे सरयू राय ने भी मान लिया है कि पार्टी को अब उनकी जरूरत नहीं।

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दो विस क्षेत्रों से खरीदा नामांकन पत्र

अभी तक पार्टी अनुशासन की बात करने वाले सरयू राय का आज शनिवार को चौथी लिस्ट जारी होने के बाद धैर्य टूट गया। उन्होंने अपना मुंह खोलते हुए कहा कि आज तक मैं बीजेपी में हूं…। लेकिन कल क्या होगा पता नहीं…। खबर है कि सरयू राय ने बगावत का मूड बना लिया है। इसी के तहत उन्होंने जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिमी, दोनों विस क्षेत्रों से नामांकन के लिए पर्चा भी ले लिया है।

तेवर के कारण परेशानी में सरयू राय

विदित हो कि 2014 में सरयू राय ने जमशेदपुर पश्चिम सीट से भाजपा टिकट पर चुनाव जीता था। भाजपा सरकार बनने के बाद उन्हें मंत्री भी बनाया गया। लेकिन अपनी आदत से मजबूर बतौर मंत्री रहते हुए भी वे लगातार सरकार की नीतियों का विरोध करते रहे। कई दफे उन्होंने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर भी नीतियों की निंदा की। साफ है कि भाजपा नेतृत्व को सरयू राय के ये तेवर अच्छे नहीं लगे। इस बार के चुनाव में उनके लिए ​अभी तक टिकट फाइनल नहीं होने को सरयू राय के इसी तेवर से जोड़कर देखा जा रहा है।

जानें पशुपालन घोटाला और सरयू राय को

भाजपा नेता सरयू राय ने 1994 में अविभाजित बिहार के सबसे पहले पशुपालन घोटाले का भंडाफोड़ किया था। भले हीं बिहार के कुछ नेता इस खुलासे में अपना श्रेय बताते हैं, लेकिन सच्चाई यही है कि सरयू राय ने ही पूरे मामले का खुलासा किया। नतीजा यह हुआ कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव समेत दर्जनों नेताओं व अफसरों को जेल जाना पड़ा। लालू प्रसाद आज भी जेल में बंद हैं।

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