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BJP ने कहा- पहले अग्निपथ योजना को समझें युवा,यह वातावरण उचित नहीं

पटना : सेना में भर्ती की अग्नीपथ स्कीम के विरोध में बिहार में बबाल लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इस बबाल का आज तीसरा दिन है।इसके तहत प्रदेश प्रदर्शनकारियों द्वारा ट्रेनों को निशाना बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में भाजपा नेता और बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि युवाओं को पहले अग्निपथ योजना के बारे में जानना चाहिए फिर कुछ निर्णय लेना चाहिए।

युवाओं को अग्नीपथ योजना के बारे में जानकारी लेनी चाहिए

दरअसल, शुक्रवार के दिन बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा नालंदा पहुंचे। जहां वो नव नालंदा महाविहार यूनिवर्सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। उसके पूर्व भाजपा कार्यकर्ताओं ने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा का बिहारशरीफ के सर्किट हाउस में स्वागत किया। इसी मौके पर पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए युवाओं को अग्नीपथ योजना के बारे में जानकारी लेनी चाहिए, यदि उन लोगों को इसके बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी तो फिर वही लोग इस योजना की सराहना करेंगे।जानकारी जरूरी है और यहाँ के बच्चें पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा इस तरह के वातावरण जिन लोगों के द्वारा बनाया जा रहा है यह वातावरण उचित नहीं है।

रेणु देवी के आवास पर ही हमला

बता दें कि, इससे पूर्व आज अहले सुबह उग्र प्रदर्शनकारियों द्वारा बिहार भाजपा के लखीसराय कार्यालय में आज लगा दी गई। वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल और बिहार के मंत्री रेणु देवी के घर हमला किया गया। इसके साथ ही भाजपा के नेता विनय बिहारी के कार्यों पर भी पथराव किया गया।

राजद ने कहा केंद्र सरकार की गलत नीतियों का नतीजा

इधर, इस योजना को लेकर अपनाए जाते हैं रुख पर राजद नेताओं का मानना है कि जो प्रदर्शन हो रहा है, वह केंद्र सरकार की गलत नीतियों का नतीजा है।छात्रों के साथ सरकार मजाक कर रही है। राजद का कहना है कि सरकार को यह याद रखना चाहिए कि जब जब युवा जागा है तब तब दिल्ली की सत्ता तक पलट के रख दिया है। सेना में नौकरी करनेवाले ज्यादातर लोग गरीब परिवार से आते हैं, ग्रामीण तबके से आते हैं। उनके लिए सेना के लिए काम करना गर्व की बात होती है। ऐसे लोगों को सिर्फ चार अग्निवीर बनाने के नाम पर सिर्फ खिलवाड़ किया जा रहा है।

बहरहाल, अब देखने वाली बात यह है कि जिस तरह से इस अग्नीपथ योजना को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है वह कब तक शांत होता है और क्या इस मामले में सरकार बैकफुट पर आती है या फिर किसी तरह से इन हुए छात्रों को समझा बुझा लिया जाता है।