भाजपा नेता को ‘हम’ ने बताया पागल, जल्द वापस ले सकते हैं समर्थन
पटना : वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में चल रहे सर्वे को लेकर पूरे देश में राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है।जहां एक और अपने आप को कट्टर हिन्दू नेता मानने वाले लोग इसके समर्थन में बयानबाजी कर रहे हैं तो वहीं, दूसरी तरफ अपने आपको को मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा नेता कहने वाले इसके उल्ट बयानबाजी कर रहे हैं।
इसी बीच, बिहार भाजपा के फायर ब्रांड नेता हरि भूषण ठाकुर ने इसको लेकर बड़ा बयान दिया है उन्हें कहा कि जो हमारा चीज था उसे लोग लौटा दें, वरना देश के 30 हजार मस्जिदों को खुदवाकर मंदिर निकाल लिया जाएगा।उन्होंने कहा कि केवल काशी विश्वनाथ की बात नहीं है, अतीत में भी हमारे देवी – देवताओं के साथ षड्यंत्र हुआ है। हमारे पौराणिक स्थल दें नहीं तो जो 30 हजार मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाया गया है उस पर भी हमारा दावा होगा।
वहीं, ठाकुर के इस बयान को लेकर हम के प्रधान महासचिव दानिश रिजवान ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हरी भूषण ठाकुर जैसे नेता समाज का सौहार्द बिगाड़ रहे हैं। ऐसे नेताओं को समाज में नहीं बल्कि पागलखाने में रहना चाहिए।यदि उनको लगता है कि मंदिर थोड़ कर मस्जिद बनाया गया है तो,उनकी सरकार है वह जाकर सरकार के सामने फरियाद लगाएं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस तरह के लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
समर्थन वापस लेने की तैयारी कर रहे हैं मांझी
इधर, इनके ही पार्टी के नेता जीतन राम मांझी ने भी अपने पार्टी के तरफ से राज्यसभा में एक सीट की मांग रखी है, जिसपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग का काम सिर्फ मांग करना होता है। वहीं, सीएम के इस बयान पर एक बार फिर से मांझी ने बड़ा बयान दिया।
उन्होंने कहा कि हमने राज्यसभा में सीट देने की मांग की थी, जिस पर सीएम ने कहा था कि सभी को साथ लेकर चलना है। इसके बाद हमने कहा था कि हमें प्राथमिकता दें, लेकिन अब ऐसा नहीं हुआ है। इसलिए अब हमारे पास दूसरा विकल्प भी है। अगर यहां नहीं है, तो दूसरी जगह मिलेगा।
वहीं,मांझी के इस बयान को लेकर राजनीतिक जानकारों ने कहा है मांझी अब मानने वाले नहीं हैं, वह जल्द अपना समर्थन वापस ले सकते हैं,क्योंकि उनको दूसरे तरफ से उपहार दिया जा रहा है। इधर, इनके जाने से भाजपा और जदयू को भी कोई घटा नहीं है क्योंकि इनके जाने से सरकार बची हुई रहेगी।