भाजपा का प्रेशर कम करने को जदयू ने कराई पीके की इंट्री

0

पटना : भाजपा की नापसंदगी के बावजूद जदयू ने बिहार झारखंड में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में प्रशांत किशोर की चुनावी रणनीति में इंट्री को हरी झंडी दे दी है। इसके संकेत झारखंड में एक सभा में सीएम नीतीश कुमार के साथ मंच पर पीके की मौजूदगी ने स्पष्ट दे दिये। इसबीच जदयू के राज्य अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने भी एक चैनल से बातचीत में साफ कर दिया कि बीजेपी की नाराज़गी के बावजूद पार्टी ने पीके की मदद लेने की तैयारी कर ली है। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर ऐसा होता है तो यह बीजेपी के लिए असहज स्थिति हो सकती है।

नीतीश संग झारखंड में किया मंच शेयर

वशिष्ठ नारायण सिंह की मानें तो प्रशांत किशोर आगामी विधानसभा चुनाव में जदयू की स्ट्रेटेजी तैयार करने जा रहे हैं। बकौल श्री सिंह ‘प्रशांत किशोर जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। जब पूरी पार्टी वर्ष 2020 में चुनाव में लगेगी तो स्वाभाविक है कि वह भी लगेंगे ही’।

swatva

वशिष्ठ नारायण के संकेतों से सियासत शुरू

प्रशांत किशोर ने साल 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को जिताने में बड़ी भूमिका निभाई थी। उनकी सोच जदयू को भाजपा की अपेक्षा महागठबंधन में रखने की हिमायत करने वाली रही है। अभी भी पीके भाजपा की धुर विरोधी ममता बनर्जी के लिए पश्चिम बंगाल में काम कर रहे हैं। भाजपा सांसद रामकृपाल यादव दावा करते हैं कि पीके कोई फैक्टर नहीं हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि यदि प्रशांत किशोर विरोध में भी रहे, तब भी भाजपा बंगाल और झारखंड में आसान जीत दर्ज करेगी।

स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता के लहर पर सवार भाजपा प्रशांत किशोर की तरफ से पूरी तरह बेफिक्र दिखने की कोशिश कर रही है। लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार की पार्टी भाजपा के दबाव से बाहर आने के लिए प्रशांत किशोर का इस्तेमाल करने की रणनीति पर चल पड़ी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here