भाजपा ने जदयू को दिया क्रिसमस गिफ़्ट, नीतीश कैसे चलाएंगे सरकार?

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पटना : जदयू के 6 विधायक भाजपा में शामिल होने के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि इस मामले को लेकर 26-27 को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बात होगी। साथ ही सीएम ने कहा कि वह हमसे अलग हो गया है, ये सब कोई बड़ी बात नहीं है।

मंत्रिमंडल विस्तार से पहले कहीं भाजपा अपना विस्तार न कर ले

वहीं, राजद की तरफ से प्रतिक्रिया आ गई है। राजद ने चुटकी लेते हुए ट्वीट किया कि जेडीयू के 6 विधायक बीजेपी में शामिल करा लिए गए है। बीजेपी का नीतीश कुमार को क्रिसमस गिफ़्ट।

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वहीं, राजद प्रवक्ता ने कहा कि मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले भाजपा नीतीश कुमार को और कमजोर करेगी। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि भाजपा ने जदयू का जो हाल अरुणाचल प्रदेश में की है, वही हाल बिहार में भी करने जा रही है। बिहार के दोनों डिप्टी सीएम दिल्ली में जाकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात किये हैं, इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। ऐसा न हो कि मंत्रिमडल के विस्तार से पहले कहीं भाजपा अपना विस्तार न कर ले।

भाजपा नीतीश कुमार के नेतृत्व ने सरकार चलाने को लेकर कृत संकल्पित

वहीं, इस मसले को लेकर भाजपा नेता व बांकीपुर के विधायक नितिन नवीन ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के परिस्थितियों को देखकर जदयू विधायकों ने भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया है। नवीन ने कहा कि भाजपा अपने सहयोगी दलों को कभी भी तोड़ने का प्रयास नहीं करती है। अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग परिस्थिति होती है तथा बिहार में हमलोग नीतीश कुमार के नेतृत्व ने सरकार चलाने को लेकर कृत संकल्पित हैं।

बता दें कि शनिवार से पटना में पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक होने वाली हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इन विधायकों का शामिल होना तय माना जा रहा था, तथा सभी के रहने का इंतजाम भी किया गया था। लेकिन, ऐन मौके पर भाजपा ने नीतीश के मंसूबों पर पानी फेरते हुए विधायकों को तोड़ कर खुद में शामिल कर लिया।

पलटवार करेंगे या भरपाई

इस राजनीतिक घटना को लेकर कहा जा रहा है कि मजबूत होती भाजपा जब राजनीतिक रूप से और समृद्ध होना चाह रही है तो वह विरोधी तथा सहयोगी में फर्क समझना बंद कर दी है। क्योंकि, राजनीति साम, दाम, दंड, भेद की नीति है. जो राजनीतिक पार्टी इस नीति को अपनाएगी वही राजनीति में टिक पाएगी।

वैसे, अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार तथा उनकी पार्टी जदयू पर इस घटना को लेकर क्या असर पड़ता है। क्या नीतीश कुमार बेबस होकर सरकार चलाएंगे या पलटवार करेंगे या इसकी भरपाई अन्य पार्टी के नेताओं और विधायकों को जदयू में शामिल करवा कर करेंगे।

ज्ञातव्य हो कि अरुणाचल प्रदेश में जदयू के छह विधायक दोर्जी वांग्डी खर्मा, डोंग्रु सियोंग्जु, कांगोंग ताकू, तलेम तबोह, जिक्के ताको, हयेंग मंगफी भाजपा में शामिल हो गए हैं।

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