पटना : पिछले 30 घंटों से लगातार हो रही वर्षा ने राजधानी पटना को पानी—पानी कर दिया। एक तरफ जहां प्रतिष्ठित अस्पताल एनएमसीएच का परिसर तालाब बन गया और वहां मछलियां तैरती मिलीं, वहीं समूचे पटना में जगह—जगह जलजमाव से लोग परेशान रहे। लोगों की परेशानी यहीं नहीं खत्म हुई, राजधानी में विभिन्न सड़कों को कई स्थानों पर बिना एनओसी के ही मनमाने तौर पर खोद दिये जाने के कारण समूचा शहर थमा—थमा सा हो गया है। तमाम इलाके जाम से त्रस्त रहे और लोग नरक भोगने को मजबूर।
एनएमसीएच में तैर रही मछलियां
यह तो महज एक दिन की वर्षा का आलम है, अभी तो पूरी बरसात बाकी है। नगर निगम की हालत नरक निगम की तरह हो गयी है। वर्षा से प्लावित गलियों में नगर निगम की कचड़ा उठाव गाड़ियों की आवाजाही भी नहीं हो रही। नतीजा, पूरा शहर बजबजा रहा है।
एनएमसीएच का पूरा परिसर पानी में तैरने लगा है। हालत ये है कि मरीज से परिजन तक इस परेशानी को झेलने पर मजबूर हैं। यह पहला मौका नहीं है जब एनएमसीएच में पानी घुसा है बल्कि यह उसकी नियति है। काॅलेज-हाॅस्पीटल प्रबअंधन बार-बार यही दावा करता है कि अगले वर्ष से जलजमाव नहीं होगा। पर, स्थिति पानी पड़ते ही नारकीय हो जाती है।
कंस्ट्रक्शन कंपनियों की मनमानी से जाम
बची-खुची स्थिति को बदतर कन्सट्रक्शन कंपनियां बना दे रहीं है। शहर में 100 से अधिक जगहों पर विकास व निर्माण के नाम पर सड़क खोद दी गई है। नतीजा, जाम एक नियमित समस्या बन गयी है। एक आधिकारिक सू़त्र ने बताया कि उन्हें नोटिस सर्व किया गया है कि बिना एनओसी के सड़कों को क्यों खोदा गया। अगर निर्माण के लिए खोदा भी गया तो उन्हें पुनः एक निश्चित अवधि में बंद क्यों नहीं कर दिया गया।