पटना : आज बिहार सरकार के उद्योग विभाग ने रुग्ण पड़ी इकाइयों को पुनर्वासित करने के लिए एक पोर्टल लांच किया। उद्योग मंत्री जय सिंह ने इसे लांच किया। दरसअल उद्योग विभाग ने बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन अधिनियम 2016 के नियम 13 के अधीन औद्योगिक वित्त सम्पोषण मार्ग दर्शन सिद्धान्त 2019 अधुसूचित किया है। राज्य निवेश प्रोत्साहन परिषद में प्राप्त ऑनलाइन आवेदन के क्रम में पाया गया कि क्लीयरेंस के वावजूद इकाइयों की संख्या 26 प्रतिशत ही है। इसकी समीक्षा करने पर पता चला कि इकाइयों को वित्त पोषण की समस्या आ रही है। इस समस्या को दूर करने के लिए और औद्योगिक इकाइयों की मदद करने के लिए बीएसआईडीसी, बीआईसीआईसीओ, बीएसएफसी जैसी संस्थाओं की मदद ले रही है। इस हेतु ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है।
बिहार सरकार ने 2016 में ये फैसला किया था कि राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए उद्यमियों को सस्ते दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इस संबंध में प्रथम स्तर पर यह फैसला किया गया था कि आरबीआई के नियमों के मुताबिक जो इकाइयां रुग्ण इकाइयों की श्रेणी में आयेगी उसे यह सुविधा तुरंत मिलेगी। इन रुग्ण इकाइयों की पहचान के तौर पर बताया गया था कि तीन माह से अधिक जिन इकाइयों का खाता एनपीए हो गया हो या अपने सम्पूर्ण नेटवर्क के आधे उद्यम की संचित हानियों के कारण उद्यम के नेटवर्क में कमी आई हो या एम. एस. एम. ई सेक्टर की इकाइयां उपयुक्त अर्हता रखती हो, वो उद्योग विभाग के वेबसाइट udyog. bihar. gov. in के इंडस्ट्रियल फाइनेंसिंग लिंक पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
रुग्ण, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों के लिए फैसले
1 .सर्वश्री मां शारदे राइस मिल्स जगदीशपुर, भोजपुर को 56 लाख कार्यशील पूंजी के ऋण के रूप में तथा24 लाख सॉफ्ट लोन के रूप मे बिहार राज्य वितीय निगम द्वारा उपलब्ध कराया गया।
2. सर्व श्री बैजनाथ राइस इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड बक्सर को 56 लाख कार्यशील पूंजी ऋण के रूप में और24 लाख सॉफ्ट लोन के रूप में बिहार राज्य वितीय निगम द्वारा उपलब्ध कराया गया।
3. सर्व श्री महादेव जी राइस मिल्स प्राइवेट लिमिटेड मेन बाजार नोखा ,रोहतास को 36 लाख का चेक सॉफ्ट लोन के रूप में बीआईसीआईसीओ द्वारा दिया गया । प्रत्येक शनिवार को रुग्ण, लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योगों के पुनर्वास हेतु बैठक हो रही है। इस बैठक में रुग्ण इकाई की अहर्ता रखने वाले इकाइयो को रुग्ण घोषित की जा रही है। आशा है कि के इस सक्रिय कदम से अधिक से अधिक रुग्ण इकाइयों को पुनर्वासित करने में मदद मिलेगी।
(मानस द्विवेदी)