रंगों के खुमार में डूबने लगा बिहार, जानें होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
पटना : राजधानी पटना समेत समूचा बिहार रंगो के त्योहार होली के उल्लास में डूबने लगा है। रंगों का त्योहार होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि के अगले दिन मनाई जाती है। इस बार पूर्णिमा तिथि 7 मार्च को है और इसी दिन होलिका दहन होगा जिसे छोटी होली के रूप में जाना जाता है। 7 मार्च को होलिका दहन संध्या 6.24 से 8.51 बजे किया जा सकता है। इसके अगले दिन होली 8 मार्च को रंगों वाली होली खेली जाएगी। इसबार की होली पर ग्रहों का विशेष संयोग बन रहा है। इस दिन देवताओं के गुरु और दैत्यों के गुरु शुक्र देव मीन राशि में रहेंगे जिसका प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर देखने को मिलेगा।
क्या है होली की पौराणिक कथा
प्राचीन मान्यता के अनुसार यह पर्व हरिण्यकश्यप की बहन होलिका से संबंधित है। होलिका को यह वरदान था कि उसे अग्नि नहीं जला सकती। वरदान के प्रभाव से वह नित्य अग्नि से स्नान करती थी। होलिका दहन का प्रारंभ भी उसी से जुड़ी घटना से संबंधित है। हरिण्यकश्यप अपने पुत्र प्रहलाद से काफी क्रोधित रहता था। प्रह्लाद श्री हरि विष्णु का परम भक्त था। हिरण्यकश्यप ने उसे मारने के कई प्रयास किये परंतु वह हर प्रयास में असफल रहा। अन्त में उसने अपनी बहन होलिका की गोद में बैठाकर प्रह्लाद को अग्नि से जलाना चाहा। पर उस अग्नि से होलिका ही जल गई और प्रहलाद जो कि हरिभक्ति में लीन था, वह बच गया। तभी से इस दिन होलिका दहन करने की परंपरा चल पड़ी जो आज भी जारी है। हिंदू मान्यताओं में इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।
कब है होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
इसबार पूर्णिमा तिथि 6 मार्च को शाम सवा सात बजे ही शुरू हो जाएगी और 7 मार्च को 6 बजकर 9 मिनट तक रहेगी। लेकिन होलिका दहन 7 मार्च को ही किया जाएगा। होलिका दहन 7 मार्च की संध्या 6.24 से 8.51 बजे किया जा सकता है। इसके अगले दिन 8 मार्च को रंगो का त्योहार होली खेली जाएगी।
(ज्योतिर्विद नीरज मिश्रा)