बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बिहार भाजपा के तमाम बड़े नेता, इनमें से प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल, दोनों डिप्टी सीएम, सुशील कुमार मोदी, राधामोहन सिंह तथा नित्यानंद राय समेत अपेक्षित नेता दिल्ली पहुँच चुके हैं। दिल्ली पहुँचने के बाद भाजपा नेता व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि मंत्रिमंडल का गठन मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है, इस पर फैसला वही करेंगे।
इस बैठक में भाजपा कोटे से नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नेताओं के नाम फाइनल होंगे साथ ही राज्यपाल कोटे से मनोनयन होने वाले एमएलसी के नाम भी फाइनल किये जाएंगे। वहीं, उच्चस्थ सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल का पेंच इसलिए फंसा हुआ है। क्योंकि, बिहार भाजपा में बिहारी बनाम बाहरी को लेकर वर्चस्व शुरू हो गया है। इस बीच यह भी जानकारी मिली है कि बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव द्वारा मंत्री पद का शपथ लेने वाले नेताओं के नाम फाइनल कर दिए हैं।
इस बीच इस बात की जानकारी बिहार भाजपा के कुछ दिग्गज व वरिष्ठ नेताओं को मिली। इसके बाद बिहार भाजपा का बिहार गुट एक्टिव हो गया। जिसके कारण मंत्रिमंडल विस्तार में पेंच फंस गया।
वहीं, इसके अलावा महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बार केंद्रीय नेतृत्व बिहार में ऐसे नेताओं को मंत्रिमंडल में तरजीह देना चाह रही है, जो परफ़ॉर्मर हो। यानी जो अधिकारियों को डील कर सके। जिस विभाग की जिम्मेदारी दी जाय, उस विभाग के सचिवों को हड़का कर रखे।
अब केंद्रीय नेतृत्व को इस तरह के नेताओं की तलाश है। इसको लेकर जे पी नड्डा, बीएल संतोष व अमित शाह ने बिहार भाजपा को सूची तैयार करने को कही थी। इसी में भूपेंद्र यादव ने बगैर किसी से सलाह किये अपने पसंद के नामों की सूची तैयार कर ली। इसके बाद बिहार के दिग्गज नेताओं को यह बात नागवार गुजरी और वीटो का इस्तेमाल करते हुए मंत्रिमंडल विस्तार में रोक लगा दी।
इन चेहरों को लेकर हो रही माथापच्ची
सूत्रों की मानें तो शाहनवाज हुसैन, संजय पासवान, संजीव चौरसिया, नीतीश मिश्रा समेत एक या दो टेक्नोक्रेट को लेकर मंत्रिमंडल में शामिल करने की बात चल रही है। संभव है कि इस बार मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ चेहरे चौंकाने वाले हो सकते हैं।