बिहार रेजिमेंट के जवानों ने शहादत से पहले 43 चीनी सैनिकों को किया ढेर, पढें रिपोर्ट
नयी दिल्ली : लद्दाख में गलबान घाटी सीमा पर हुई हिंसक झड़प में चीन की लाल आर्मी को बिहार रेजिमेंट की सैन्य टुकड़ी ने भारी नुकसान पहुंचाया। चीन की तरफ हुए नुकसान की देर से मिली जानकारी के अनुसार इस झड़प में उसके भी कमांडिंग अफसर की मौत हो गई। इसके अलावा चीन की तरफ से जो सूचनाएं मिल रही हैं उसके अनुसार रेड आर्मी के कुल 43 सैनिक मारे गए है। बताया जाता है कि जब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों ने भारतीय सीमा के सीमा में घुसने का दुस्साहस किया तो भारतीय सेना की बिहार रेजिमेंट से उनका आमना-सामना हो गया। इसके बाद चीन को वह दिन देखना पड़ा जो पिछले 50 सालों में उसने नहीं देखा था। बिहार रेजीमेंट के वीरों ने चीन के 43 सैनिक मार गिराए जबकि इस दौरान भारत के भी 20 जवान शहीद हो गए।
बिहार रेजिमेंट के शौर्य के आगे कांपता है दुश्मन
बिहार रेजिमेंट का गठन 1941 में किया गया था। दरअसल, आजादी की लड़ाई में बिहार के शाहाबाद जिले के युवाओं की वीरता से प्रभावित होकर अंग्रेजों ने इस रेजीमेंट का गठन किया था। द्वितीय विश्व युद्ध में ही बिहार रेजिमेंट के वीरों ने अपना परचम लहरा दिया था। आज एक बार फिर से बिहार रेजिमेंट के जवानों ने देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। लद्दाख बॉर्डर पर शहीद हुए सभी 20 जवान इसी बिहार रेजीमेंट के हैं।
बिहार के इन जवानों ने पाई सीमा पर शहादत
चीनी सेना के साथ लद्दाख में सीमा पर शहीद होने वालों में सहरसा के कुंदन यादव, भोजपुर जिले के बिहिया थाना क्षेत्र के पहाड़पुर गांव के रहने वाले कुंदन ओझा, समस्तीपुर के अमन कुमार आदि शामिल हैं। अन्य जवानों के नाम और पते का खुलासा अभी नहीं हो पाया है। इस बीच खबर है कि 4 भारतीय जवानों की हालत नाजुक बनी हुई है। लद्दाख में 14 हजार फीट ऊंची गलवान घाटी में LAC पर ये झड़प 3 घंटे चली। यह हमला पत्थरों, लाठियों और धारदार चीजों से किया गया। इसी गलवान में 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी।