बिहार में तीसरा देहदान, अमर हो गईं गर्दनीबाग की शिप्रा सेन

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पटना : बिहार दिवस के अवसर पर दधीचि देहदान समिति के अभियान की जागरूकता व उपमुख्यमंत्री तथा दधीचि देहदान समिति के संरक्षक सुशील कुमार मोदी की प्रेरणा से 64 वर्षीया श्रीमती शिप्रा सेन का नेत्रदान और देहदान इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में सम्पन्न हुआ। श्री मोदी ने कहा कि बिहार में देहदान के लिए प्रोटोकाॅल तैयार कर ‘स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसेज्योर’ (प्रक्रिया) अपनाई जायेगी। समिति की पहल पर यह तीसरा देहदान हुआ है। इसके पहले एक देहदान आईजीआईएमएस, पटना और दूसरा पावापुरी मेडिकल काॅलेज में हुआ था। बहुत जल्द राज्य के सभी मेडिकल काॅलेज अस्पतालों में आई बैंक काम करना शुरू कर देगा।

बिहार में देहदान के लिए प्रोटोकाॅल तैयार होगा : डिप्टी सीएम

देहदान को प्रेरणास्पद बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि आईजीआईएमएस में 100 मेडिकल छात्रों के बीच प्रायोगिक अध्ययन के लिए मात्र दो मृत शरीर ही उपलब्ध थे। जबकि प्रति 20 छात्रों के समूह के लिए एक मृत शरीर होना चाहिए। अभी भी वहां दो और मृत शरीर की जरूरत है। जलकर और मिट्टी में मिलकर नष्ट हो जाने वाले शरीर का दान से बेहतर कोई दूसरी सद्गति नहीं हो सकती है।

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दवा कारोबार से जुडे गर्दनीबाग के श्री उत्पल सेन की पत्नी श्रीमती शिप्रा सेन का हृदयाघात से देहांत के उपरांत दुख की विषम घड़ी में उन्होंने पत्नी का नेत्रदान और चिकित्सा विज्ञान के छात्रों के शोध के लिए उनके शरीर के भी दान का निर्णय कर एक बेमिसाल प्रेरणास्पद उदाहरण प्रस्तुत किया।
ज्ञात हो कि आज से एक वर्ष पूर्व श्रीमती शिप्रा सेन ने बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी के समक्ष देहदान का संकल्प लिया था। देहदान और नेत्रदान को सम्पन्न कराने में समिति के कोषाध्यक्ष श्री प्रदीप चौरसिया की पहल के लिए समिति ने उन्हें साधुवाद दिया। दधीचि देहदान समिति इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मंडल, नेत्र विभाग के प्रमुख डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा एवं सहयोगी चिकित्सकों का विशेष आभार व्यक्त किया गया। उन्होंने देहदानी परिवार का उचित सम्मान के साथ देह स्वीकार किया तथा तमाम औपचारिकताएं समय से पूरी की।

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