पटना : अप्रैल में राज्यसभा सांसदों के रिटायरमेंट के बाद संसद के उच्च सदन में 55 सीटें खाली होंगी। इसके लिए 26 मार्च को चुनाव कराए जाएंगें। बिहार में 17 राज्यों की 55 सीटें खाली हो रही है। इनमें बिहार की पांच सीटें भी शामिल हैं। जनता दल युनाइटेड की कहकशां परवीन, रामनाथ ठाकुर और हरिवंश के साथ ही बीजेपी के सीपी ठाकुर और आरके सिन्हा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। हालांकि आरजेडी के राम जेठमलानी की मौत के बाद खाली हुई सीट को लेकर कोई सूचना नहीं है।
इलेक्शन कमीशन ने जारी की अधिसूचना
बिहार राज्य की कुल 243 विधानसभा सीटों में से जेडीयू के पास 70 तो वहीं बीजेपी के पास 54 और एलजेपी के पास दो विधायक है। वहीं विपक्षी खेमे के आरजेडी और कांग्रेस के पास क्रमश 80 और 26 विधायक हैं। जबकि सीपीआई (एमएल) के पास तीन, जीतन राम मांझी की पार्टी हम के पास एक और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन पार्टी के पास एक विधायक है। इनके साथ ही साथ पांच निर्दलीय विधायक हैं और महिषी विधानसभा सीट रिक्त है।
विपक्ष एकजुट रहा हो तो एनडीए को नुकसान
सीटों के गणित के लिहाज से देखें तो एक राज्यसभा सीट के लिए 35 सीटें चाहिए। सुर्त्रो के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार दो सीटों का नुकसान एनडीए को हो सकता है। वहीं सयुक्त विपक्ष तीन सीटें जीत सकता हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि कांग्रेस और आरजेडी में एक तरह से समझौता हो सकता है कि दो सीटें आरजेडी के खाते में जाएंगी और एक कांग्रेस के पाले में। हलाकि कांग्रेस के कैंडिडेट की जीत तभी संभव होगी जब आरजेडी अपने सरप्लस वोट कांग्रेस को और उसमे संयुक्त विपक्ष का समर्थन हासिल