पटना :मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर मंगलवार को बिहार विधानसभा ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ‘बिहार में नेशनल रजिस्टर आॅफ सिटीजंस (एनआरसी) लागू करने की आवश्यकता नहीं है , का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया।साथ ही 2010 के फाॅर्मेट के तहत नेशनल पोपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर ) की प्रक्रिया शुरू होने का प्रस्ताव भी पारित कर दिया गया।प्रस्ताव में मुख्यमंत्री की सलाह पर एनपीआर के नये फाॅर्मेट में ट्रांसजेंडर का काॅलम जोड़ने की सलाह दी गयी है। भोजनावकाश के बाद बजट पेश करने के बाद सदन में यह प्रस्ताव पारित हुआ. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सर्वसम्मत से पारित प्रस्ताव को केंद्र को भेज दिया जायेगा.
तेजस्वी यादव को बिच में टोका-टोकी नहीं करने कि नसीहत
इसके पहले मुख्यमंत्री ने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर बिच में टोका-टोकी करने से मना करते हुए कहा कि एनआरसी के नाम पर हौव्वा खड़ा किया जा रहा है। उन्होंने सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 दिसंबर, 2019 को दिये गये भाषण का हवाला देते हुए कहा कि कोई कुछ भी बोले, उससे मुझे कुछ भी लेना-देना नहीं है। सीएम नितीश कुमार ने कहा कि वह सिर्फ प्रधानमंत्री के वक्तव्य काे सिर्फ जान रहें हैं। जिन्होंने यह कहा है कि देश में एनआरसी लागू करने का कोई प्रस्ताव न तो संसद में हैंऔर न कैबिनेट में है। मुख्यमंत्री ने सभी दलों से जाति आधारित जनगणना कराने के लिए सदन से सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करने की अपील की।
वर्तमान में देश में एनआरसी का कहीं सवाल ही नहीं है।
इसके पहले विपक्ष द्वारा एनआरपी, व एनआरसी को लेकर लाये गये कार्यस्थगन प्रस्ताव पर सरकार का पक्ष रखते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में देश में एनआरसी का कहीं सवाल ही नहीं है। उन्होंने सदन को बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र के जनगणना निदेशालय को एनपीआर के फाॅर्मेट को 2010 के अनुरूप रखने के लिए 15 फरवरी को पत्र लिखा है।
अब्दुल बारी सिद्दीकी द्वारा लगाए जा रहे आरोप को नितिश ने किया खारिज
उन्होंने राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी द्वारा लगाए जा रहे आरोप को खारिज करते हुए कहा कि एनआरसी के मामले में भाजपा के साथ कोई भ्रम की स्थिति नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ने जनगणना निदेशक को पत्र भेजा है, जिसमें सिर्फ ट्रांसजेंडर का काॅलम जोड़ने की सलाह दी गयी है, बाकी सभी जानकारियां वर्ष 2010 की तरह ही होगी।
सीएम से मिले तेजस्वी व सिद्दीकी, भोजनावकाश के बाद सर्वसम्मति से पास हुआ प्रस्ताव
सीएम ने भोजनावकाश के पहले सदन से अनुरोध किया था कि वर्ष 2010 के आधार पर एनपीआर लागू हो, इसका प्रस्ताव सर्वसम्मत से पारित हाेना चाहिए चाहिए। लेकिन विपक्ष ने इसे नहीं माना जिसके बाद भोजनावकाश के दौरान सीएम के कक्ष में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव और राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी मिलने आये। बंद कमरे में कुछ देर बातचीत हुई इसके बाद दोनों नेता बाहर निकल गये। दोपहर दो बजे जब सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई तो पहले बजट पेश किया गया। इसके बाद करीब तीन बजे सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव भी पारित हो गया. इस समय सदन में मुख्यमंत्री, अन्य मंत्रीगण और विपक्ष की ओर नेता तेजस्वी यादव भी मौजूद थे।
एनआरसी को लेकर नीतीश ने बतायी पूरी कहानी
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बताया कि एनआरसी को लेकर 2003 में ही संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित किया गया था। जनवरी, 2004 में इसे अधिसूचित किया गया। उन्होंने बताया कि 2003 में एनआरसी को लेकर जिस संसदीय समिति ने प्रस्ताव तैयार किया था। उसके चेयरमैन प्रणब मुखर्जी थे। इसके सदस्यों में लालू प्रसाद, कपिल सिब्बल व प्रमोद महाजन समेत 44 लोग शामिल थे।