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बिहार को डुबोने पर आमादा नेपाल ने बांध की उचाई बढ़ाने पर लगाई रोक

मधुबनी : नेपाल व भारत के मित्रतापूर्ण रिश्तों में नेपाल लगातार ख़टास उत्पन्न कर रहा है। नेपाल से बिहार में प्रवाहित होने वाली नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी को देखते हुए बिहार सरकार ने सभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए कमला नदी पर बने बांध की उचाई को बढ़ने का निर्णय लिया और इस इस दिशा में काम भी शुरू किया पर नेपाल ने फिर से दुस्साहस दिखाते हुए इसमें बाधा उत्पन्न करने लगा।

हाल के दिनों में नेपाल ने कई ऐसे काम किए है जिससे भारत व नेपाल के बीच दूरियां बढ़ती जा रही है। नेपाल ने अपने नए नक़्शे में भारत के भूभाग को अपना बताया, सीतामढ़ी जिले के सोनवर्षा में नेपाल सैनिकों द्वारा भारतीय को गोली मरना व बंधक बनाना, रक्सौल में नो मैन्स लैंड पर कोरोना पॉजिटिव मरीज को दफ़नाना और अब कमला नदी पर बांध की उचाई को बढ़ाने में अड़चन पैदा करना चिंताजनक है।

केंद्र को पत्र लिख स्थिति से कराया अवगत

कमला नदी पर बने दो डैम नेपाल के भूभाग में हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण वहां पानी का दबाव बढ़ने से इंजीनियरों ने बांध की ऊंचाई बढ़ाने का निर्णय लिया है। लेकिन, नेपाल ने बांध को ऊंचा करने से भी रोक दिया है। यह इलाका बिहार के जयनगर और मधुबनी क्षेत्र को प्रभावित करता है। बांध ऊंचा नहीं करने की स्थिति में अधिक पानी आने पर मधुबनी और दरभंगा जिले में तबाही मच सकती है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर सारी स्थिति से अवगत करा दिया है। राज्य सरकार के अनुसार अगर ये काम नहीं हुए तो दरभंगा, मधुबनी, चंपारण के साथ उत्तर बिहार में बाढ़ की विभीषिका बढ़ सकती है।

ठीक नहीं नेपाल की मंशा

भारत के खिलाफ नेपाल की मंशा ठीक नहीं दिख रही है, ऐसा प्रतीत होता है कि नेपाल बिहार को डुबोना चाहता है, नीतीश ने पीएम मोदी को पत्र लिख कर स्थिति से अवगत कराया है। बिहार में नदियों के बढ़ते जलस्तर के बीच बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है, लेकिन नेपाल के हालिया रवैया ने सूबे के सामने गंभीर संकट पैदा कर दिया है। नेपाल से आने वाली नदियों के जल स्तर पर नियंत्रण के लिए बिहार सरकार बाढ़ रक्षात्मक कार्य कराती रही है लेकिन इस बार नेपाल ने इस पर रोक लगा दिया है। गंडक बराज के 36 गेटों में से 18 नेपाल के इलाके में पड़ते हैं, जहां बाढ़ से बचाव के लिए काम कराया जा रहा था।

नेपाल के नियंत्रण वाले इलाकों में बाढ़ से सुरक्षा के लिए कराए जा रहे काम पर वहां की सरकार ने रोक लगा दी है। जिससे बिहार के डूबने का खतरा बढ़ गया है। नीतीश सरकार ने इस मामले में केंद्र सरकार के पास त्राहिमाम संदेश भेजा है। बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा है कि राज्य सरकार की तरफ से विदेश मंत्रालय और केंद्र सरकार को इस बारे में जानकारी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि हमारे स्थानीय इंजीनियर और डीएम संबंधित अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। यदि इस मुद्दे को समय पर संबोधित नहीं किया जाता है, तो बिहार के प्रमुख हिस्से में बाढ़ आ जाएगी।

जल संसाधन मंत्री ने आगे बताया कि नेपाल गंडक बांध के लिए मरम्मत कार्य की अनुमति नहीं दे रहा है, जो नो मेंस लैंड के पास लाल बकेया नदी के पास पड़ता है। इसके अलावा, उन्होंने कई अन्य स्थानों पर मरम्मत का काम रोक दिया है। पहली बार, हम लोगों की ऐसी समस्या का सामना कर रहे हैं। वाल्मिकी नगर के गंडक बराज के करीब 36 गेट हैं और 18 गेट नेपाल की तरफ हैं, वहां जो बाढ़ से निपटने का सामान है उसमें उन्होंने बैरियर लगा रखे हैं, जो आजतक कभी नहीं हुआ है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि वहां मैटिरियल ले जाने,काम करने, आवाजाही में नेपाल दिक्कत कर रहे हैं। मैं भारत सरकार के एमइए को सारी स्थिति बताते हुए पत्र लिख रहा हूं। अगर वहां तक नहीं पहुंचे तो बिहार के ज्यादातर हिस्से बाढ़ में डूब जायेंगे।

सुमित राउत