पटना : कोरोना ने पूरी दुनिया समेत भारत को भी अपनी कैद में ले लिया है। भारत में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसबीच बिहार से कोरोना को लेकर एक अच्छी खबर है। यहां लॉकडाउन के 13वें दिन पिछले 24 घंटों में एक भी कोरोना पॉजिटिव मामला नहीं मिला है। फिलहाल बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या 32 है। एक मरीज की मौत हो चुकी है। हालांकि आज सोमवार को गोपालगंज के एक कोरोना संदिग्ध की मौत हुई है, लेकिन उसमें कोरोना होने की पुष्टि अभी बाकी है।
गोपालगंज में कोरोना के संदिग्ध की मौत
गोपालगंज के जिस कोरोना संदिग्ध की आज सोमवार को मौत हुई है, वह 20 दिन पहले गुजरात के सूरत से आया था। कल रविवार को परिजनों ने मरीज को गोपालगंज सदर अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टरों ने गंभीर स्थिति देखते हुए मरीज को पटना रेफर किया। सोमवार को पटना लाते समय रास्ते में ही मरीज की मौत हो गई। परिजन शव को वापस गोपालगंज ले गए। सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद परिजनों को शव सौंपा जाएगा।
पीएमसीएच में भी कोरोना जांच शुरू
इधर बिहार सरकार ने राज्य में कोरोना को रोकने के लिए अधिक जांच कराने की दिशा में काम शुरू किया है। आज सोमवार से कोरोना के सैंपल की जांच पीएमसीएच में भी शुरू हो गई। इससे पहले कोरोना की जांच आरएमआरआई, आईजीआईएमएस और डीएमसीएच में हो रहे थे। अब राज्य में चार जगह कोरोना की जांच होगी।
क्वारंटाइन सेंटर में उपद्रव पर सीधे जेल
कोरोना की जांच में बाधा डालने वालों और क्वारंटाइन सेंटरों में उपद्रव पर सरकार ने राष्ट्रीय आपदा अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने का निर्णय किया है। क्वारंटाइन सेंटरों में हंगामा करने वालों के खिलाफ सरकार ने तेवर कड़े कर लिए हैं। हंगामा करने वालों पर राष्ट्रीय आपदा अधिनियम और आईपीसी की धाराओं में मुकदमा किया जाएगा। आइसोलेशन की अवधि खत्म होने के बाद हंगामा करने वालों को घर की बजाय सीधे जेल भेज दिया जाएगा।
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