बिहार के कृषि मंत्री का कंपनियों को खुला निमंत्रण, सहयोग के साथ भागीदारी भी करेगी सरकार

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पटना : बिहार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कृषि यंत्र एवं बीज उत्पादक कंपनियों को बिहार आने का निमंत्रण देते हुए कहा कि बिहार में कृषि एवं कृषि आधारित उद्योगों के विकास की भरपूर संभावनाएं हैं। वे नई दिल्ली में कानफिडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआइ्रआई) के तत्वावधान में शुक्रवार को बीज तकनीक नवाचार एवं सतत धान उत्पादन विषय पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे। यह राष्ट्रीय संगोष्ठी बीज उत्पादक कंपनियों के द्वारा आयोजित की गयी थी। समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चैधरी थे।

दिल्ली में हुई कृषि पर सीआइ्रआई की संगोष्ठी

इस अवसर पर डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि धान की खेती में भारत का अतीत शानदार रहा है। बिहार में धान की खेती की अच्छी स्थिति है और वहां इस क्षेत्र में संभावनाएं भी अपार हैं। उन्होंने कहा कि बीज व कृषि यंत्र उत्पादक कंपनियों के लिए बिहार में काफी स्कोप है। सरकार वहां निवेश और व्यवसाय करने वाली कंपनियों को सहयोग ही नहीं देगी, बल्कि उनके साथ मिलकर काम करना चाहती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की दशा सुधारने एवं उनकी आय को दोगुना करने के लिए कृपसंकल्पित हैं। हम उनके संकल्प को पूरा करने में लगे हैं।

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उन्होंने कहा कि बिहार को बीज के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है। कंपनियां बिहार में बीज उत्पादन की योजना पर काम करें। कई कम्पनियों ने तत्काल बीज उत्पादन योजना पर काम करने की इच्छा व्यक्त की। डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के साथ ही नरेंद्र मोदी ने नीम कोटेड यूरिया आपूर्ति का निर्णय लिया। उनके एक निर्णय से करोड़ों किसानों को लाभ हुआ। पर्यावरण पर भी इसका अनुकूल प्रभाव पड़ा। वहीं यूरिया की कालाबाजारी भी रूक गयी और भारत सरकार के अरबों रूपए की लूट रूक गयी।

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