Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

Featured Trending देश-विदेश बिहार अपडेट मधुबनी

बिहार के इस IPS पर कोर्ट का चाबुक, नकारा हैं… ट्रेनिंग दिलाये सरकार

पटना/मधुबनी : झंझारपुर कोर्ट ने मधुबनी एसपी डॉ. सत्यप्रकाश को नकारा करार देते हुए बेहद सख्त टिप्पणी की है। एडीजे—1 अविनाश कुमार ने कहा कि मधुबनी एसपी को कानून और संबंधित मामलों में सुसंगत धारा लगाने की सही जानकारी नहीं है। लिहाजा उन्हें तत्कार आईपीएस ट्रेनिंग सेंटर हैदराबाद में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाए। कोर्ट ने इस संबंध में अपनी टिप्पणियों के साथ केंद्र और राज्य सरकार को प्रत्र भेजा है।

मधुबनी एसपी को कानून की जानकारी नहीं

मामला मधुबनी के भैरवस्थान थाना क्षेत्र की एक लड़की के अपहरण का है। इस मामले में पुलिस की ओर से सही धारा नहीं लगाए जाने पर कोर्ट ने यह सख्त रुख अख्तियार किया है। झंझारपुर कोर्ट ने एडीजे—1 ने सुनवाई के दौरान मामले में एसपी, डीएसपी, थानाध्यक्ष के अलावा व्यवहार न्यायालय के एक न्यायिक अधिकारी की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए और जवाब मांगे हैं।

जानें, क्या है पूरा मामला, केंद्र—राज्य को पत्र

एडीजे इन सभी से पूछा कि इस मामले में धारा 376, पॉस्को एवं बाल विवाह अधिनियम 2006 क्यों नहीं लगाई गई है। विदित हो कि भैरवस्थान की एक महिला ने अपनी बेटी के अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें बलवीर सदा और उसके पिता छोटू सदा व उसकी मां पर आरोप लगाए गए। अभियुक्त बलवीर 25 फरवरी 2021 से जेल में बंद है तथा उसपर पुलिस ने धारा 363, 366 A और 34 के तहत मामला दर्ज किया है। कोर्ट का मानना है कि इसमें पॉस्को, रेप, बाल विवाह अधिनियम की धारा सबसे पहले लगाई जानी चाहिए थी। अदालत में लड़की की उम्र 19 साल बताई गई थी, मगर मेडिकल रिपोर्ट में लड़की की उम्र 15 साल सामने आई थी। फिलहाल लड़के ने लड़की से शादी कर कोर्ट में सुलहनामा लगाया है। लेकिन कोर्ट ने इस पिटिशन को सुलह के लायक नहीं माना। अदालत का कहना है कि नाबालिग के साथ अपहरण और रेप के बाद सुलहनामा न्याय के विपरित है।