बिहार के गौरव से अभिभूत हुए पूर्वोत्तर के छात्र

0

पटना : राजधानी के आईएमए हॉल में आज एबीवीपी द्वारा पूर्वोत्तर के छात्रों का नागरिक अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर एबीवीपी और संघ के कई पदाधिकारी मौजूद रहे। स्टूडेंट एक्सपीरिएंस इन इंटर स्टेट लिविंग (सील) के छात्रों का दल प्रतिवर्ष भ्रमण के लिए भारत के विभिन्न प्रदेशों में जाता है। उसी कड़ी में इस बार वे पटना आए हुए हैं। इस अवसर पर बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि जीवन में मैंने जो कुछ भी पाया आरएसएस की वजह से ही पाया है। उन्होंने कहा कि बिहार में गौतम बुद्ध, महावीर और गुरु गोविंद सिंह ने ज्ञान पाया। नार्थ ईस्ट की धरती को पावन बताते हुए उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण औऱ पांडवों से जुड़ी बहुत सारी निशानियां यहां देखने को मिल जाएंगी। भगवान राम को बिहार ने ही भगवान बनाया और भगवान राम और कृष्ण ने पूरी दुनिया, मानवता, देश और समाज को जोड़ने का काम किया। देश की अखंडता और एकता को तोड़ने के लिए दुष्प्रचार किया गया और जाति और प्रांत के नाम पर हम आपस लड़ते रहे। नंद किशोर यादव ने कहा कि 5000 वर्ष पूर्व युद्धस्थल से कोसों दूर धृतराष्ट्र और संजय अर्जुन और कृष्ण का संवाद बिना वहां गए सुन लिए। सुदर्शन चक्र छोड़े गए व्यक्ति को मारकर पुनः वापस आ जाता था। हमारे ऋषि मुनि कितने दूरदर्शी, ज्ञानी थे। नार्थ ईस्ट का जो विकास होना चाहिए वो नहीं हो सका है। प्रधानमंत्री मोदी ने कई योजनाएं शुरू की हैं जिससे वहां रेल सड़क, पुल और यातायात का विकास हो रहा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी मोहनजी ने कहा कि भारत ने सम्पूर्ण दुनिया को अच्छा जीवन दिया लेकिन 1000 साल की गुलामी में उसे भुला दिया। भारत की खोई गरिमा वापस लाने के लिए विजयादशमी के दिन आरएसएस की स्थापना हुई। कई विद्यार्थी संगठन हैं जो भारत माता की जय नहीं बोलते हैं। एबीवीपी समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।देश के सबसे बड़े कुष्ठरोग आश्रम का संचालन एबीवीपी करता है। विमल जालान भी एबीवीपी के कार्यकर्ता रहे हैं और आज अस्पताल खोलकर मरीजों का मुफ्त इलाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ज़मीन का टुकड़ा नहीं बल्कि ईश्वर की विशेष कृपा से बना है। भारत के प्राचीन गौरव को समझना बहुत जरूरी है। क्या वजह है कि भारत की न्यायालय एक तरफ तो समलैंगिकता पर फैसला सुनाती है, वहीं करोड़ो लोगों की आस्था भगवान राम के मंदिर पर बहस और सुनवाई के लिए समय नहीं है।
वहीं मशहूर डॉक्टर आरएन सिंह ने कहा कि अर्जुन बहुत शिक्षित थे लेकिन शुरू में नहीं समझ सके । जब बाद में भगवान ने अपना विराट रूप दिखया तब समझे। यानी अर्जुन को शिक्षा थी और फिर दीक्षा मिली तब समझे। वहीं धृतराष्ट्र और संजय भी शिक्षित थे, लेकिन दीक्षा नहीं होने की वजह से वो समझ नही पाए। इसलिए हमें भी एक दूसरे से सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से व्यवहार करना होगा, तभी हम भी सभी को समझ पाएंगे।
करीब 30 पूर्वोत्तर के छात्रों का दल बिहार आया हुआ है। सील के संयोजक ने बताया कि बिहार आकर बहुत अच्छा लगा। पहले बिहार के बारे में सुनता था कि यहां बहुत अपराध होते हैं, लेकिन यहां आकर ये सारी बातें झूठी लगी। मैं अपने प्रदेश में जाकर बिहार के बारे में लोगों को बताऊंगा। अदिति कुलकर्णी ने भी कहा कि यहां आकर भारत की सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय देखने का मौका मिला। पूर्वोत्तर से आए कई छात्रों ने कहा कि बिहार आकर बहुत अच्छा लगा। इस दल में असम, मिज़ोरम ,नागालैंड, सिक्किम, अरूणाचल प्रदेश, त्रिपुरा और मेघालय के छात्र आए हुए थे।
मानस दुबे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here