बिहार का स्वास्थ्य विभाग कंफ्यूज, AIIMS सही या RMRI और NMCH गलत !

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पटना : बिहार सरकार के आंकड़े के मुताबिक़ बिहार में कोरोना संक्रमित की संख्या 96 हो गई है। सरकार की मानें तो कोरोना का टेस्ट सही से संचालित हो रही है। लेकिन, हाल की दो घटनाओं को लेकर बिहार सरकार का स्वास्थ्य विभाग कंफ्यूज है।

दरअसल पहला मामला यह है कि वैशाली के राघोपुर में एक कोरोना संदिग्ध की मौत हो गई है। मरीज की मौत से पहले पटना एम्स में जांच के दौरान मरीज कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। लेकिन, उसकी मृत्यु के बाद मरीज के सैंपल को जांच के लिए आरएमआई भेजा गया। आरएमआई की जांच रिपोर्ट आने के बाद मरीज कोरोना निगेटिव पाया गया। बिहार और देश के प्रतिष्ठित अस्पताल से अलग-अलग रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग परेशान है।

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अब दूसरा और ताजा मामला यह है कि पटना के खाजपुरा की रहने वाली महिला जिन्हें सर्दी-खांसी थी और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उन्हें 17 अप्रैल को एम्स में भर्ती कराया गया। इसके बाद महिला का सैंपल जांच के लिए एम्स भेजा गया। एम्स की रिपोर्ट में महिला को कोरोना पॉजिटिव पाया गया। महिला या उसके परिजनों का कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं था। संक्रमण का डर ऐसा हुआ कि लोग कहने लगे की बिहार में कोरोना वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो गया है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद आनन-फानन में प्रशासन ने पूरे इलाके को सील कर दिया। तथा महिला के तमाम परिजनों को आइसोलेशन रखा गया।

लेकिन, RMRI और NMCH की जांच में अब महिला का रिपोर्ट जिसे दो दिन पहले एम्स ने पॉजिटिव करार दिया था आज दोनों संस्थानों ने महिला का रिपोर्ट निगेटिव करार दिया। हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन, रिपोर्ट पॉजिटिव से निगेटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग समेत पूरा प्रशासन और सरकार परेशान है। स्वास्थ्य विभाग कंफ्यूज है कि करें तो क्या करें?

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