बिहार का पहला लौह अयस्क माइंस, जानें कहां और कब होगा शुरू?

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जमुई : जमुई के सिकंदरा प्रखंड अंतर्गत एक गांव में बिहार की अपनी लौह अयस्क माइंस के चालू होने का रास्ता साफ हो गया है। यहां की भूमि में मौजूद लौह अयस्क की मात्रा का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार से हरी झंडी मिल गई है तथा बाहर से आई भूगर्भ वैज्ञनिकों की टीम ने गुरुवार से सर्वे का काम भी शुरू कर दिया है।

जानकारी मिली है कि सिकंदरा के निकट के गांव में की गई प्रारंभिक खुदाई में मिले अयस्क में 30 से 50 प्रतिशत तक लोहा मौजूद है। अब भूगर्भ वैज्ञानिकों की यहां पहुंची टीम विभिन्न चिह्नित स्थानों पर भू-छेदन कर पृथ्वी के अंदर विभिन्न स्तरों में मौजूद लौह अयस्क की मात्रा का पता लगाएगी।

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टीम के सदस्यों ने बताया कि यदि यहां उनकी अपेक्षा के अनुरूप परिणाम निकलते हैं तो बिहार के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। क्योंकि झारखंड बनने के बाद अब बिहार में एक भी अपना खदान या खनिज क्षेत्र नहीं है। जमुई को इसका श्रेय बस अब मिलने ही वाला है। जैसे ही भू—वैज्ञानिकों की टीम अपनी रिपोर्ट बिहार सरकार को सौंपेगी, यहां लौह अयस्क के खनन का कार्य शुरू हो जाएगा।

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