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बिहारी ईसाई समुदाय को लेकर कांग्रेस को छोड़ अन्य पार्टियां उदासीन: सेसिल शाह

बिहार प्रदेश कांग्रेस में अल्संख्यक विभाग के उपाध्यक्ष सेसिल साह ने राज्य में ईसाई समुदाय की स्थिति, प्रदेश कांग्रेस का आगामी चुनाव में स्टैंड व महागठबंधन आदि को लेकर स्वत्व समाचार डॉट कॉम से बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश:

1. बिहार प्रदेश में ईसाई समुदाय को लेकर राजनीति दलों की क्या नीति है? ईसाई समुदाय के मामले में कांग्रेस अन्य दलों से कैसे बेहतर हैं?
उत्तर- बाकी राजनीतिक पार्टियों के बारे में तो मैं कुछ नहीं कह सकता। लेकिन कांग्रेस पार्टी की जानकारी आपको जरूर दे सकता हूँ। सबसे पहले हमें ईसाई समुदाय के बारे में जानना होगा। जनसंख्या कम होने के कारण हमारा समाज डरा रहता है। हमारे समाज में मध्यम वर्ग के परिवारों की संख्या अधिक है, जो पढ़ाई लिखाई कर के नौकरी पा लेने तक ही सीमित है।
कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है जो ईसाई समुदाय के हितों के बारे में सोचती है। कांग्रेस में रहते हुए मुझे 20 साल हो रहा है, लेकिन मुझे ऐसा कभी नहीं लगा कि मैं अलग हूँ या यह (कांग्रेस के लोग) मुझे अलग देखते हैं। बिहार में ‘गुड फ्राइडे’ की छुट्टी के लिए जो मैंने संघर्ष किया। उस लड़ाई में मेरे पार्टी अध्यक्ष हमेशा मेरे साथ खड़े रहे।
ईसाई समुदायों ने बिहार में शिक्षा और स्वास्थ्य में सबसे अधिक योगदान दिया है।  मैंने स्वयं पटना के कुर्जी होली फैमिली अस्पताल में अनेक वर्षों तक सेवा की है। पटना के एक प्रमुख सरकारी अस्पताल में 32 ईसाई समुदाय के परिवार रहते हैं। उनके पास प्रार्थना के लिए प्रार्थना घर भी उपलब्ध नहीं है। वह सभी परिवार सीढ़ियों पर बैठकर प्राथना करने को मजबूर है। इसको ध्यान में रखते हुए मैं और मेरी पार्टी ने एक प्राथना सभा बनाने का सोचा। लेकिन, कुछ असामाजिक तत्वों ने इसे साम्प्रदायिक रंग दे दिया।

इससे भी बड़ा काम यह हुआ कि मैंने अपने प्रयास से ऐतिहासिक चर्च पदरी की हवेली को बिहार सरकार के पर्यटन पोर्टल पर स्थान दिलाया।

2. आगामी चुनावों में ईसाई अल्पसंख्यक का प्रभाव कितना रहेगा?
उत्तर- सबसे बड़ी बात यह है बिहार राज्य में ईसाई समुदाय को कोई भी पार्टी ‘वोट बैंक’ नहीं मानती है। वोट बैंक नहीं होने के कारण इनके तरफ कोई पार्टी ध्यान नहीं देती है। लेकिन, एक मात्र कांग्रेस ऐसी पार्टी है जो ईसाई समुदाय के हितों के बारे में सोचती है।
बेतिया, पश्चिम चंपारण व पटना आदि जगहों पर अधिक संख्या में ईसाई समुदाय के लोग रहते हैं। जो चुनाव में खड़े किसी भी उम्मीदवार के जीत-हार पर प्रभाव डाल सकते हैं। दूसरी पार्टियों में ईसाईयों के प्रति कोई संवेदना नहीं दिखती है। कांग्रेस इन मामलों में अलग है। इसी कारण मैं जीऊँगा कांग्रेस में और मरूंगा भी तो कांग्रेस में।

3. बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी में लंबे समय से फुलटाइम प्रदेश अध्य्क्ष की पोस्ट खाली है।
उत्तर- इस बात का फैसला हमेशा पार्टी हाईकमान लेती हैं। ऊपर से जो आदेश आता है, उस पर अमल करना सभी सदस्यों का काम होता है। काम के साथ-साथ यह संस्कार भी होता है। हमेशा अपने से वरिष्ठ अधिकारियों की बात सुननी चाहिए। कार्यवाही अध्य्क्ष कौकब कादरी को हमारा हमेशा सहयोग है। बिहार में कौकब कादरी के नेतृत्व में कांग्रेस युद्धस्तर पर चुनाव की तैयारी में लगी हुई है।

4. महागठबंधन में कांग्रेस की स्थिति कमजोर होते हुए दिखाई दे रही है। सीट शेयरिंग को लेकर भी कोई चर्चा दिख नहीं रही है।
उत्तर- नहीं, ऐसी बात नही है। महागठबंधन में हमारी स्थिति कभी कमजोर नहीं हुई है। सीट शेयरिंग को लेकर जल्द ही महागठबंधन में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।