बिहार बंद पर मुश्किल में महागठबंधन, कुशवाहा और जगदा बाबू में रार

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पटना : नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में विपक्ष को एकजुट करने की सारी कोशिश तार—तार हाती दिख रही है। इस मुद्दे पर बुलाए गए बिहार बंद को लेकर महागठबंधन की आज बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस रखी गई थी। इसमें राजद समेत तमाम घटकों को शामिल होना था। लेकिन ऐन मौके पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इस पीसी से किनारा कर लिया। राजद के इस व्यवहार को रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा ने विपक्षी एकता के लिए घातक बता नाराजगी जाहिर की।

महागठबंधन की दोस्ती में कुश्ती शुरू

उपेंद्र कुशवाहा ने तंज कसा कि खुद पीसी बुलाकर राजद गायब हो गया। हम तो चाहते थे कि एक ही दिन बिहार बंद बुलाया जाए। लेकिन राजद की जिद पर ही दो दिनों—19 और 21 दिसंबर को बिहार​ बंद बुलाया गया। 19 को वाम दलों का और 21 को राजद का। लेकिन अब राजद खुद इसे गंभीरता से नहीं ले रहा। इसका जवाब तो उन्हें ही देना होगा।

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राजद ने किया पीसी से किनारा

दरअसल, महागठबंधन की तरफ से बिहार बंद को लेकर आज एक प्रेस कांफ्रेंस होनी थी जिसमें सभी घटकों ने शामिल होने पर सहमति दी थी। लेकिन वीआईपी पार्टी की तरफ से जारी पत्र में राजद के प्रदेश अध्यक्ष का नाम सबसे नीचे डाला गया था। इससे जगता बाबू नाराज हो गए और उन्होंने महागठबंधन की पीसी से दूरी बना ली।

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