भारत के शीर्ष 10 पुलिस थानों में बिहार व झारखंड का एक भी नहीं, जानें कैसे होता है चयन
दिल्ली: भारत सरकार प्रतिवर्ष देश में बेहतर प्रदर्शन करने वाले पुलिस थानों का चयन करती है ताकि उनके काम-काज को प्रभावी बनाने की दिशा में प्रोत्साहित कर उनके बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा विकसित की जा सके। गृह मंत्रालय हर वर्ष देश के शीर्ष 10 पुलिस थाने का चयन करती है। लेकिन, महत्वपूर्ण बात यह है कि इस सूची में बिहार व झारखंड से एक भी पुलिस थाना जगह नहीं बना सका।
वर्ष 2020 के लिए देश में 10 शीर्ष पुलिस थाने इस प्रकार हैं:-
इनमें से पहले नंबर पर मणिपुर के थौबल जिले का नोंगपोसेक्मी, दूसरे स्थान पर तमिलनाडु के सलेम सिटी जिले का एडब्ल्यूपीसी- सुरामंगलम तीसरे स्थान पर अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले का खारसांग चौथे स्थान पर छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले का झिलमिल (भैया थाना) पांचवें स्थान पर गोवा के दक्षिण गोवा जिले का संगुइम छठवें स्थान पर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का उत्तर और मध्य अंडमान जिले का कालीघाट सातवें स्थान पर सिक्किम का पूर्वी जिला का पाकयोंग आठवें स्थान पर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले का कंठ नवें स्थान पर दादर और नगर हवेली के दादर और नगर हवेली जिले का खानवेल तेलंगाना के करीमनगर जिले का जम्मीकुंटा टाउन पीएस थाना शामिल है।
गृह मंत्रालय ने इस वर्ष चुनौतीपूर्ण स्थितियों के बीच इस वर्ष के सबसे बेहतर पुलिस थानों के लिए सर्वेक्षण किया था। कोरोना महामारी की वजह से आवागमन संबंधी विभिन्न प्रतिबंधों के मद्देनजर सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्थित पुलिस थानों तक पहुंच पाना काफी कठिन कार्य रहा है। सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही यह सर्वेक्षण करवाया गया।
देश के 16,671 पुलिस थानों में से आंकड़ों के विश्लेषण, प्रत्यक्ष अवलोकन और जनता से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर इन शीर्ष 10 थानों का चयन का मकसद था। प्रत्येक राज्य में सबसे बेहतर पुलिस थानों की सूची बनाने के बाद ही यह रैंकिंग प्रक्रिया शुरू की गई जो इन विषयों पर आधारित है।
• सम्पत्ति संबंधी अपराध
• महिलाओं के प्रति अपराध
• समाज के कमजोर वर्गों के प्रति अपराध
• गुमशुदा लोग, खोजे गए लोग लेकिन उनकी पहचान नहीं हो सकी हैं और अज्ञात शव
प्रत्येक राज्य से शुरू में जिन पुलिस थानों का चयन किया गया था उनकी संख्या इस प्रकार है:-
• प्रत्येक राज्य जहां 750 से अधिक पुलिस थाने हैं, 3 पुलिस थानों का चयन
• सभी राज्यों और दिल्ली से दो थानों का चयन
• प्रत्येक संघ शासित प्रदेश से एक थाने का चयन
रैंकिंग प्रक्रिया के अगले चरण के लिए 75 पुलिस थानों को चुना गया।
अंतिम चरण में, सेवा वितरण के मानकों का मूल्यांकन करने और पुलिसिंग में सुधार की तकनीकों की पहचान करने के लिए 19 मापदंडों की पहचान की गई थी। इस हिस्से का समग्र स्कोरिंग में 80 प्रतिशत योगदान था और शेष 20 प्रतिशत पुलिस स्टेशन के बुनियादी ढांचे और कर्मियों तक पहुंच और नागरिकों की प्रतिक्रिया पर आधारित था। शामिल नागरिकों की श्रेणियां आसपास के रिहायशी इलाकों, आस-पास के बाजारों और पुलिस स्टेशनों को छोड़ने वाले नागरिकों से थीं। प्रतिक्रिया के लिए जिन नागरिकों से संपर्क किया गया था, उनमें 4,056 उत्तरदाता शामिल थे, जिसमें प्रत्येक चुने गए स्थान से लगभग 60 लोग थे।